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    लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में निर्देश किए अगले सत्र की शुरुआत से पहले ‘स्कूल चलो अभियान’ (School Chalo Abhiyan) चलाया जाए और अभियान को वृहद स्वरूप दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय मंत्री से परामर्श कर विभाग इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना तैयार करें और उसका क्रियान्वयन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी बच्चा (Child) स्कूल (School) से वंचित नहीं रहना चाहिए। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना (Corona) के कारण विगत दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। इसलिए भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। इसको देखते हुए स्कूल जाने के लिए बच्चों और अभिभावकों को एक बार फिर जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा को देखते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के ड्रेस आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित ड्रेस में ही स्कूल आएं। 

     स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया

    गौरतलब है कि 2017 के पहले प्रदेश में बहुत से परिषदीय स्कूल बंद होने के कगार पर आ गए थे। बच्चों का स्कूलों से मोह भंग हो रहा था। इसको देखते हुए योगी सरकार ने स्कूल चलो अभियान को जनआंदोलन बनाया। इसका परिणाम यह हुआ कि पांच साल में बच्चों की संख्या लगभग 54 लाख बढ़ गई। योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्राथमिक स्कूलों की दशा सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1.33 लाख से अधिक स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया गया। बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास रूम, खेल का मैदान, लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का सौंदर्यीकरण, शुद्ध पेयजल, शौचालय, फर्नीचर आदि की व्यवस्था की जा रही है। ज्यादातर स्कूल इससे संतृप्त हो चुके हैं।