अखिलेश यादव और शिवपाल यादव (Photo Credits-Twitter)
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव (Photo Credits-Twitter)

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    नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपना चाचा शिवपाल यादव और सुहेलदेव समाज पार्टी से गठबधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है। शनिवार को दोनों नेताओं के लिए लिखे खुले पत्र में सपा ने कहा कि, जहां और जिस पार्टी में ज्यादा सम्मान मिले आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र है।” 

    प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सुप्रीमो को लिखे पत्र में सपा ने कहा, “शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।”

    वहीं राजभर के लिए जारी पत्र में कहा कि, “ओमप्रकाश राजभर जी, सपा लगातार भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और आप लगातार भाजपा को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।”

    ज्ञात हो कि, विधानसभा चुनाव के बाद से ही शिवपाल यादव और ओपी राजभर अखिलेश यादव पर हमलावर थे। विधानसभा चुनाव के बाद सपा की विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने को लेकर चाचा शिवपाल लगातार नाराज चल रहे थे। वह समय-समय पर अपने भतीजे पर हमला करते रहते हैं। हाल ही में हुए आजमगढ़ लोकसभा पर हुए उपचुनाव में सपा को मिली हार के बाद सभासपा प्रमुख ने अखिलेश को ऐसी कमरों से बाहर निकलकर जमीन पर काम करने को कहा था। इस बयान को लेकर सपा नेताओं ने राजभर पर तीखा प्रहार किया था। 

    वहीं राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर बुलाई बैठक में दोनों नेताओं को नहीं बुलाया था। हालांकि, इस दौरान आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी जरूर मौजूद थे।  एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर बुलाई बैठक में दोनों नेताओं को बुलाया गया था। जिसके बाद दोनों नेताओं ने मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद से ही लगने लगा था कि, सपा का दोनों दलों से जल्द ही गठबंधन समाप्त हो जाएगा।