Hearing in Mathura's Shahi Idgah Mosque case will be held on April 1
शाही ईदगाह मस्जिद (File Photo)

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    मथुरा (उप्र). मथुरा की दो अलग-अलग अदालतों में सोमवार को हुई श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह विवाद से जुड़े तीन मुकदमों की सुनवाई में अगली सुनवाई के लिए तीन अलग-अलग तारीखें तय की गईं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में सोमवार को तीन वादों की सुनवाई की जानी थी, जिनमें से एक मामला लखनऊ निवासी नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव द्वारा श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से ईदगाह का हटाए जाने से संबंधित वाद को सुना जाना था।

    प्रतिवादी पक्ष ने इस मामले में उपासना स्थल कानून, 1991 लागू होने का दावा करते हुए उसकी सुनवाई न किए जाने की दलील दी, जिस पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को की जाएगी। इसके अलावा एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह एवं राजेंद्र माहेश्वरी की पुनरीक्षण याचिका की यहां अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) के समक्ष में हुई सुनवाई में उप्र सुन्नी सेण्ट्रल वक़्फ बोर्ड के किसी भी प्रतिनिधि के उपस्थित न होने पर अदालत ने वादी के आग्रह पर उनके स्थानीय प्रतिनिधि को नोटिस भेजकर अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का नोटिस जारी किया है।

    अदालत ने कहा कि अन्यथा उनकी अनुपस्थिति में ही मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्तूबर को होगी। जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल मामले) संजय गौड़ ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह ने लखनऊ के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह के पेश नहीं होने पर ईदगाह को हटाए जाने से संबंधित उनके वाद में उन्हें एक मौका दिया और अगली सुनवाई की तारीख 21 अक्टूबर तय की।

    गौड़ ने बताया कि मनीष यादव के वाद में 1968 में दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे खारिज कर कथित शाही ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर से हटाकर उक्त भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की गई है। इस पर प्रतिपक्षी शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने कहा कि उपासना स्थल कानून, 1991 के तहत 15 अगस्त 1947 के पहले से बना कोई भी धर्मस्थल नहीं हटाया जा सकता है। शर्मा ने इस दलील के साथ यह मामला खारिज की जाने की मांग की है।

    न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है। दूसरी ओर अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने एक बार फिर जन्मस्थान से जुड़े सभी वादों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट के गठन की मांग की है। अपर जिला जज के न्यायालय में इस पर आज सुनवाई थी। लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के हाजिर न होने से सुनवाई नहीं हो सकी। वक्फ बोर्ड को फिर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। (एजेंसी)