पीएम गति शक्ति योजना के तहत प्रस्तावित कार्यों में लाएं तेजी : नंद गोपाल गुप्ता नंदी

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    लखनऊ : पूर्व निर्धारित एजेंडा (Predetermined Agenda) के तहत आज उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Minister Nand Gopal Gupta Nandi) की अध्यक्षता में औद्योगिक विकास विभाग की बैठक विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में एसीएस अरविंद कुमार, सचिव श्रीमती सुजाता शर्मा, सचिव अभिषेक प्रकाश, सचिव वीएन सिंह विशेष सचिव प्रथमेश कुमार, राजीव दीक्षित निदेशक इन्वेस्टमेंट सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

    बैठक में अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने पीएम गति शक्ति, इन्वेस्टमेंट प्लान, 100 दिन के अंदर पूर्ण करने वाली योजनाओं और आवश्यक संशोधन बिल लाने के विषय में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विभाग द्वारा उक्त विषयों पर अब तक की गई प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया। मंत्री नंदी ने निर्देशित करते हुए कहा कि पीएम गति शक्ति के कार्यक्रमों को गंभीरता पूर्वक शीघ्रता से क्रियान्वयन किया जाए। अभी प्रथम फेज में जहां पर आर्थिक क्रियाकलाप हो रहे हैं उस पर फोकस करें। विभिन्न विभागों नगर विकास, राजस्व विभाग आदि के सहयोग से इंफ्रास्ट्रक्चर की डिजिटल मैपिंग कराएं। उत्तर प्रदेश में सेंटर आफ गवर्नेंस पर पहले से कार्य हो रहा है। नहर, सड़क, ड्रेनेज, टूरिज्म, रिजर्व फॉरेस्ट, सिरेमिक सिटी, लैंड रिकॉर्ड, मृदा प्रकार आदि 24 विषयों को मैप पर चित्रित करने हेतु चिन्हित किया गया है, उन्हें पोर्टल पर ले ले।

    अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न विभागों के 50 अधिकारियों को वायसेक संस्था के सहयोग से अहमदाबाद में इसके लिए ट्रेनिंग कराई जा चुकी है। मंत्री नंदी ने निर्देश देते हुए कहा कि अर्बन डेवलपमेंट तथा रेवेन्यू विभाग के संबंधित सभी अधिकारियों को वार्षिक और आईटी विभाग के सहयोग से उक्त जीआईएस मैपिंग की ट्रेनिंग कराएं l ताकि एक डेटाबेस तैयार हो सके और एक वृहद योजना के क्रियान्वयन में सभी विभागों के सामूहिक प्रयास से कम लागत और कम समय में औद्योगिक विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन होकर कार्य गुणवत्ता पूर्व निर्धारित समय सीमा से पूर्व पूर्ण हो सके।

    अपर मुख्य सचिव ने चिल्ला परियोजना की लागत 800 करोड़ से बढ़कर एक हजार करोड़ हो जाने और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अपना शेयर ना देने के कारण लटकी परियोजना को पीएम गति शक्ति के अंदर लेने का प्रस्ताव रखा। जिसे मंत्री नंदी द्वारा गुणावगुण के आधार पर लटकी परियोजना के अब तक कार्य का मूल्यांकन करने के बाद उचित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। इस योजना में भारत सरकार द्वारा ब्याज मुक्त धन मिलेगा। अपर मुख्य सचिव ने बंद स्पिनिंग मिलों को 2500 करोड़ की देवताओं के विषय में बताया कि इसमें से 1300 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देना है और 1200 करोड़ रुपए कर्मचारियों की देयता है। 

    उन्होंने उक्त के सापेक्ष इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपए भारत सरकार से प्रोविजन करा लेने की बात कही। मंत्री नंदी ने निर्देश दिया कि देयता के चुकता होने के बाद जमीन और फैक्ट्री की मशीनें यूपी सीडा को नोडल अधिकार दिए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। ताकि उक्त बंद फैक्ट्री की मशीनों की नीलामी कर धनराशि विभाग के कोष में जमा की जा सके तथा फंसी हुई जमीनों पर नए सिरे से औद्योगिकीकरण का कार्य बेहतर ढंग से कराया जा सके। 

    मंत्री नंदी द्वारा प्रधानमंत्री जी के दिशा निर्देशों के क्रम में क्रम में व्यवसायियों को सहूलियत देने के निमित्त रेगुलेटरी विनियामिकीय दायित्व के तहत समाप्त होने योग्य नियमों के विषय में पूछताछ की गई। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक 393 नियम समाप्त किए जा चुके हैं इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत। मंत्री नंदी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि भारत सरकार की मंशा के अनुरूप नियमों का सरलीकरण किया जाए तथा जिन धाराओं में जेल जाने का प्रावधान है उनमें से ऐसे प्रकरण जिन्हें पेनाल्टी लेकर समाप्त किया जा सकता है, तो अव्यवहारिक धाराओं में लोगों को जेल न भेजने पर विचार कर कानून सुधार व्यवस्था प्रस्तुत करें। 

    अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जर्मनी, कुवैत आदि देशों से हमारे प्रदेश से हजारों नर्सों, हाउसकीपर, मिड वाइफ आदि के रोजगार के प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं। मंत्री नंदी ने निर्देश दिए कि रोजगार पाने हेतु ऐसे आवेदकों का एक डेटाबेस बनाया जाए और उनमें से चयनित लोगों को चयनित कर संबंधित देशों की भाषाओं की ट्रेनिंग भी कौशल विकास विभाग के सहयोग से कराई जाए। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 88 एकड़ चिन्हित जगह में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे ग्राम भगवानपुर में एक प्लास्टिक पार्क का कार्य हो रहा है। 3 महीने में नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी लाने की कार्यवाही की जा रही है। मंत्री नंदी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सर्वप्रथम 100 दिन के अंदर प्रस्तावित की गई परियोजनाओं को समय से गुणवत्ता पूर्ण ढंग से पूर्ण करने की कार्रवाई की जाए।