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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति (Power Supply) को लेकर सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं। इस संबंध में गुरुवार को शासनस्तर से भी सभी मंडलों के कमिश्नर और जिलों के डीएम के लिए पर्याप्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार, बिजली आपूर्ति को लेकर अधिकारी प्रतिदिन मॉनीटरिंग (Monitoring) करेंगे। 

अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की ओर से जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी हर रोज इस बात को जांचेंगे कि उनके मंडल और जिलों में पर्याप्त मात्रा में ट्रांस्फार्मर और केबल उपलब्ध हैं या नहीं। इसके अलावा जनता की ओर से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से हो रहा है या नहीं इसकी भी मॉनीटरिंग हर रोज की जाएगी। 

बिजली आपूर्ति रोस्टर के अनुसार हो रही है या नहीं, हर रोज होगी समीक्षा

शासन की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ रही है। दो दिन पहले ही इस साल बिजली की सर्वाधिक मांग 26,166 मेगावाट पहुंच गयी थी। जनसामान्य को तथा अन्य वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध होती रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार जनपद और मण्डल स्तर प्रतिदिन समीक्षा कर ली जाए कि बिजली आपूर्ति रोस्टर के अनुसार हो रही है या नहीं। अगर अगर कहीं कोई लोकल फाल्ट हुई है तो उसे समय से ठीक कराया जा रहा है या नहीं। बिजली की शिकायतों के लिए पॉवर कॉरपोरेशन के टोल फ्री नम्बर 1912 पर जनता द्वारा दर्ज शिकायतों का समय से निस्तारण हो रहा है या नहीं। स्टोर में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक केबल, ट्रान्सफार्मर या अन्य सामग्री उपलब्ध हैं या नहीं। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपद स्तर पर रोस्टर का कड़ाई से अनुपालन हो रहा है या नहीं। इसके अलावा जनपद और मण्डल स्तर पर इस बिन्दु की भी समीक्षा कर ली जाए कि कोई ऐसा क्षेत्र तो नहीं है जहां पर ट्रान्सफार्मर या केबल बार-बार क्षतिग्रस्त हो रहा हो। यदि ऐसी कोई स्थिति है तो उसकी क्षमतावृद्धि कराने के सम्बन्ध में डिस्काम से अविलम्ब कार्यवाही करा ली जाए। 

शटडाउन लेना हो तो पहले जनता को करें सूचित

शासन की ओर से ये स्पष्ट किया गया है कि बिजली आपूर्ति के बारे में नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों और अन्य स्रोतों से फीडबैक ले लिया जाए और उस फीडबैक के आधार पर समुचित कदम उठाये जाएं। यदि कहीं कोई रिपेयर वर्क है या अन्य किसी कारणों से नियोजित शटडाउन लेने की आवश्यकता हो तो उसका समय से व्यापक प्रचार-प्रसार करा दिया जाए। समाचार-पत्रों में बिजली आपूर्ति के सम्बन्ध में जब भी कोई समाचार प्रकाशित होता है तो उसे तत्काल दिखवा लिया जाये और उसके बारे में मीडिया की सही ब्रीफिंग कर दी जाए। इसके साथ ही डिस्काम के अधिकारियों को यदि बिजली चोरी के अभियान या अन्य किसी कार्य के लिए पुलिस बल की स्थानीय स्तर पर आवश्यकता पड़ती है तो उसे अविलम्ब उपलब्ध कराया जाए। जनपद या मण्डल स्तर पर मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता या अधिशासी अभियन्ता के स्तर पर यदि किसी समस्या का निदान नहीं हो पाता है तो सम्बन्धित डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक या पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष या प्रबन्ध निदेशक को अविलम्ब सूचित किया जाए।