CM YOGI

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    लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विधानसभा में कहावतों और मुहावरों से विपक्ष (Opposition) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद सितारों की बात करते हैं। हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं। उन्होंने एक मनीषी की बात का हवाला देते हुए कहा कि अभिमान तब आता है जब हमें लगता है हमने कुछ किया है और सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है आपने कुछ किया है।

    सीएम योगी (CM Yogi) विधानसभा सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। सीएम योगी विधानसभा में बजट सत्र (‍Budget Session) के पांचवें दिन अपने पूरे रौ में दिखे। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए नसीहत भी दी और अपनी सरकार की उपलब्धियों को तथ्यों के साथ पूरी मजबूती से सदन में रखा। उन्होंने सिलसिलेवार विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया। 

    ममता बनर्जी पर साधा निशाना

    उन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की तुलना पश्चिम बंगाल से करते हुए सीएम ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा। सीएम योगी ने कानून व्यवस्था, शिक्षा, एक्सप्रेस-वे, पिछली सरकार के घोटाले, मेट्रो, स्वास्थ्य, कोरोना, उज्ज्वला योजना, शौचालय, निराश्रित गोवंश, जीडीपी, इंवेस्टमेंट, बिजली, किसान और रोजगार पर आंकड़ों के साथ सदन में अपनी बात रखी।

    चुनाव के बाद और पहले कोई हिंसा नहीं हुई

    उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में यहां बंगाल से एक दीदी आई थी, जबकि उनके अपने राज्य में चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा की घटनाएं हुईं। विधानसभा की 294 में से 142 सीटों पर हिंसक घटनाएं घटी थीं। 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे। भाजपा के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे। 57 लोगों की निर्मम हत्या हुई। 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। यह सब उस वेस्ट बंगाल में हुआ, जहां की आबादी यूपी की आबादी से आधी है। उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद भी और पहले भी कोई हिंसा नहीं हुई। उन्होंने सवाल किया कि क्या यहां बीजेपी की सरकार नहीं होती तब भी ऐसा होता? नहीं होता। 

    संकट में दलीय प्रतिस्पर्धा से ऊपर खड़ा होना पड़ेगा

    उन्होंने कहा कि हमको संकट में दलीय प्रतिस्पर्धा से ऊपर उठकर खड़ा होना पड़ेगा। अटल जी ने इसे करके दिखाया था, सोच अगर होती तो ऐसी स्थिति उत्पन्न न होती। हम जिस प्रगति से बढ़ रहे हैं। हम नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का निर्माण कर रहे हैं। आज प्रदेश के लोगों के पहचान का संकट नहीं है। अब वह कहीं जाते हैं तो गर्व से बताते हैं। 

    चूहा बनने की बजाय राष्ट्रवादी बनना श्रेयष्कर

    सीएम योगी ने कहा कि आप हम पर आरोप लगाते हैं कि आप राष्ट्रवादी हैं। अच्छा है हम राष्ट्रवादी हैं। चूहा बनने की बजाय राष्ट्रवादी बनना श्रेयष्कर है। हमें गर्व की अनुभूति होती है, जब हम पर ‘राष्ट्रवादी होने का आरोप’ लगाया जाता है। हमको एक लंबी यात्रा तय करनी है। समस्या है तो उसका समाधान भी है, आपको अगर कुछ करने की इच्छा है, तो रास्ता भी निकल जाता है। आपके अंदर इच्छाशक्ति थी ही नहीं। 

    जनता जानती थी, कौन शिलान्यास कर रहा, कौन उद्घाटन कर रहा

    उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्यों से जनता का आशीर्वाद मिला है। हम ढिंढोरा पीट कर नहीं कहते कि हमने एक्सप्रेस वे बना दिया, एयर कनेक्टिविटी दे दी। जनता जानती थी, कौन शिलान्यास कर रहा है, कौन उद्घाटन कर रहा है। जनता ने तमाम अफवाहों को दरकिनार कर 37 वर्षों के बाद कोई सरकार फिर से आई है। ‘मीठा-मीठा गप्प और कड़वा-कड़वा थू’, यह प्रवृत्ति बड़ी विचित्र स्थिति पैदा कर देती है। हम जीते तो अच्छा है और बीजेपी जीत जाए, तो ईवीएम में गड़बड़ी कर दी गई है।

    पिछली सरकारों में थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे

    उन्होंने कहा कि समस्या के दो ही समाधान होते हैं, दोनों का नाम एक ही है- ‘भाग लो’। हमें हमारा नेतृत्व एक ही बात के लिए हमेशा आगाह करता है कि हमारा मिशन केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, हमारा मिशन देश होना चाहिए, देश के हित के लिए कार्य होना चाहिए। पिछली सरकारों के समय में थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे। मगर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता अनावश्यक सिफारिश के लिए किसी थाने या तहसील में नहीं जाता है। 

    हमारी सरकार में किसी भी भर्ती में भाई भतीजावाद नहीं हुआ 

    उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपनी सरकार के बारे में कुछ बता दिया होता, तो अच्छा होता। लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले की बात कर लेते, सहकारिता भर्ती, जल निगम भर्ती की चर्चा कर लेते, गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की चर्चा कर लेते। खनन घोटाले की बात कर लेते आज भी मंत्री जेल में हैं। खाद्यान्न घोटाले की बात कर लेते, अच्छा होता। हमारी सरकार में किसी भी भर्ती में भाई भतीजावाद नहीं हुआ। 

    आपके दौर में गड्ढे से प्रदेश की पहचान होती थी

    उन्होंने कहा कि आपके दौर में जहां गड्ढे शुरू हो जाते थे, वहां से प्रदेश की पहचान होती थी, जहां से अंधेरा शुरू होता था, वहां उत्तर प्रदेश जाना जाता था। अब उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे स्टेट के रूप में जाना जाता है, आगरा एक्सप्रेस-वे के पहले यमुना एक्सप्रेस-वे बन चुका था, उससे पहले श्रध्देय अटल जी ने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को दे दिया था। ये उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम था।