बंगाल से निकल यूपी में बढ़ेगी टीएमसी, ललितेश त्रिपाठी तृणमूल कांग्रेस में होंगे शामिल

    Loading

    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : बीजेपी (BJP) को मात देकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सियासी किले को बचाए रखने में कामयाब रहीं सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सियासी विस्तार में जुटी हुई हैं। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगामी विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) से पहले टीएमसी बंगाल से निकल इस सूबे में भी पैर पसारना चाहती है। इसके लिए पार्टी की निगाहें पुराने कांग्रेसी परिवार के सदस्य, पूर्व विधायक और गांधी परिवार के करीबी ललितेशपति त्रिपाठी (Laliteshpati Tripathi) पर टिकी हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके कमलापति त्रिपाठी के पड़पोते ललितेश का परिवार आजादी के पहले से पार्टी में रहा है। ललितेश खुद प्रियंका गांधी की टीम का हिस्सा रह चुके हैं। हाल ही में ललितेश ने कांग्रेस छोड़ दी है। सियासी जानकारों का कहना है कि टीएमसी का ऐसा करना ग़लत भी नहीं है, लेकिन जिस तरह उसकी नज़र कांग्रेस के नेताओं पर है, वह कहीं न कहीं उनके द्वारा की जा रही विपक्षी एकता की कोशिशों के ख़िलाफ़ ही जाता है।

    बताते चलें कि ललितेश सियासी रसूख वाले परिवार से आते हैं। उनके दादा कमलापति त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और मिर्जापुर-वाराणसी के इलाक़े में उनका ख़ासा जनाधार था। ममता ने बीते दिनों कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को टीएमसी में शामिल कराया है। इनमें पहला नाम है सुष्मिता देव का और दूसरा लुईजिन्हो फलेरो का। सुष्मिता देव महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे आला ओहदे पर थीं और राहुल गांधी के क़रीबियों में भी शुमार थीं, जबकि फलेरो गोवा के मुख्यमंत्री रहे हैं और इस बार गोवा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा रोल निभा सकते थे। लेकिन ममता दीदी ने उन्हें झटक लिया। अब तीसरा नंबर जिस नेता का लगने जा रहा है, उसका नाम है ललितेश पति त्रिपाठी। ललितेश ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस को अलविदा कहा है और उनके बारे में चर्चा है कि टीएमसी उन्हें उत्तर प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। ललितेश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के क़रीबी थे और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी थे।

    पर्दे के पीछे से भूमिका प्रशांत किशोर की!

    जानकार बताते हैं कि कांग्रेस नेताओं के टीएमसी में जाने को लेकर पर्दे के पीछे से भूमिका प्रशांत किशोर की है। प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार हैं और बीजेपी, कांग्रेस सहित तमाम दलों के लिए काम करने के बाद इन दिनों उनकी टीम ममता बनर्जी के लिए काम कर रही है। जबकि वे कांग्रेस में आने के इच्छुक और पार्टी को सलाह देते दिखाई देते हैं। माना जा रहा है कि टीएमसी यूपी में सपा के साथ समझौता कर दो-तीन सीटों पर अपने कुछ कद्दावर प्रत्याशी उतार विधानसभा में उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है। बदले में ललितेश के पिता राजेशपति त्रिपाठी को टीएमसी बंगाल से राज्यसभा भी भेज सकती है। टीएमसी 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल से बाहर भी कुछ सीटें जीतने की कोशिश करना चाहती है, ताकि उसका स्वरुप अखिल भारतीय बने और वह मुख्य विपक्षी दल होने की होड़ में शामिल हो सके।