UP Bulldozer Politics

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से शुरू होकर हिट हुआ बुल्डोजर (Bulldozer) आज पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालिया संपन्न यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) और अब योगी पार्ट-2 में बुल्डोजर की चर्चा जोरों पर है।  योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के दुबारा मुख्यमंत्री बनते ही यदि सबसे ज्यादा चर्चा किसी की है तो वह बुल्डोजर ही है। भूमाफियाओं के अवैध कब्जे, नियमविरुद्ध तरीके से किये गये निर्माण पर बुल्डोजर चलाने को लेकर पिछले दिनों राजधानी लखनऊ काफी चर्चा में रहा था। बताते चलें कि योगी सरकार बनने के साथ ही जिलों-जिलों में अवैध कब्जे और माफियाओं की अवैध संपत्ति को खाली कराने का अभियान शुरू है। सरकार की इस पहल की जहां सराहना हो रही है, वहीं सरकारी सिस्टम के जिम्मेदारों पर भी बुल्डोजर चलाए जाने की बात कही जा रही है।  

    राजधानी लखनऊ के पॉश इलाके हजरतगंज में एलडीए द्वारा जहां एक अवैध निर्माण की बहुमंजिला बिल्डिंग को धराशायी किया गया, वहीं तमाम और भी अवैध कब्जे सरकार और सिस्टम के निशाने पर हैं। एक तरफ बुल्डोजर के डर से जहां अपराधी सरेंडर करने लगे हैं वहीं अवैध निर्माण और अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलाने को लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं भी आम हो रहीं हैं। लोग जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम की सराहना कर रहे हैं वहीं सवाल भी उठा रहे हैं कि सरकार को अवैध निर्माण अथवा कब्जे पर बुल्डोजर चलाने के साथ ही सरकारी सिस्टम में बैठे उन जिम्मेदारों की संपत्तियों पर भी बुल्डोजर चलाना चाहिए जिनके समय में यह निर्माण अथवा कब्जा हुआ है।

    जिम्मेदार अफसर की भी भूमिका को तय हो

    सरकारी सिस्टम में बैठे अवैध कब्जे के जिम्मेदारों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने के हिमायती लोगों का तर्क है की राजधानी लखनऊ में खुद सरकार की नाक के नीचे जिन अवैध बिल्डिंगों का निर्माण हुआ वह घंटे या दिन में नहीं हुआ, बल्कि उसको बनने में भी महीनों लगे होंगे। ऐसे में इसकी मॉनिटरिंग करने वाले उस जिम्मेदार अफसर की भी भूमिका को तय करते हुए उन पर भी बुलडोजर जैसे कार्रवाई की जानी चाहिए। जानकार भी लोगों के इस तर्क का समर्थन करते हुए कहते हैं कि अगर सरकार ऐसे लोगों को हटाने के लिए दृढ़ संकल्प है तो उसको अवैध कब्जेदारों के साथ ही जिम्मेदारों पर भी समान कार्रवाई करनी चाहिए।

    सरकारी बुल्डोजर का मुकाबला करने सड़कों पर ट्रैक्टर आएंगे

    अब इसी क्रम में किसान नेता राकेश टिकैत का बयान भी काफी महत्वपूर्ण हो गया है। मुजफ्फरनगर में दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले पर पत्रकारों से बातचीत में टिकैत ने सरकार के बुल्डोजर पर भी प्रतिक्रया दिया। उन्होंने कहा कि बुल्डोजर ही चलाना था तो उन अधिकारियों पर चलना चाहिए था जिनके समय में अतिक्रमण हुआ। राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी है कि बहुत जल्दी सरकारी बुल्डोजर का मुकाबला करने के लिए सड़कों पर ट्रैक्टर आएंगे।

    बिगड़ रही है भारत की छवि  

    टिकैत ने मुज़फ्फरनगर में कहा कि जिस तरह से एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है, उससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तो भारत की छवि बिगड़ ही रही है साथ ही यह महसूस होने लगा है जैसे कि सरकार ने संविधान को अलमारी में बंद कर दिया है। मुज़फ्फरनगर कलेक्ट्रेट में किसानों की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह से मुलाक़ात करने पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि बहुत जल्दी सड़कों पर ट्रैक्टर उतरेंगे और बुल्डोजर का मुकाबला करेंगे।