सुरक्षित और सुखद होगा शहरों का सफर, मेट्रो रेल, इलेक्ट्रॉनिक बसें बनेंगी इसका जरिया

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    लखनऊ: अव्यवस्थित यातायात (Disruptive Traffic) प्रदेश के प्रमुख शहरों की सबसे बड़ी समस्या है। जाम में फंसे तो यात्रा का सारा मजा किरकिरा, ऐसे में किसी की ट्रेन (Train) छूटती है तो किसी की फ्लाइट। इस दौरान प्रदूषण (Pollution) से होने वाला नुकसान अलग से। फिलहाल अगले कुछ वर्षों में प्रदेश के प्रमुख शहरों की यात्रा सुखद, सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त (Pollution Free) होगी। मेट्रो रेल (Metro Rail) और इलेक्ट्रॉनिक बसें (Electronic Buses) इसका जरिया बनेंगी।

    गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ और कानपुर में मेट्रो रेल का संचालन करने के बाद अब कई और शहरों में भी योगी सरकार मेट्रो रेल चलाने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में ताज नगरी आगरा के लोग और यहां बड़ी संख्या में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक शीघ्र ही मेट्रो रेल का आनंद ले सकेंगे। वहां निर्माण कार्य तेजी से जारी है। पिछले दिनों नगर विकास सेक्टर से जुड़े चार विभागों के मंत्रिमंडल के समक्ष बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेट्रो और इलेक्ट्रॉनिक बसों के संचलन के बाबत कई निर्देश दिये। काशी, मेरठ, गोरखपुर, झांसी और प्रयागराज में मेट्रो रेल की सेवा शुरू करना योगी सरकार की मंशा है। प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संबंध में जरूरी प्रक्रिया शुरू की जाए।

    गोरखपुर में 6 माह में शुरू हो जाएगा मेट्रो का काम

    6 माह के भीतर गोरखपुर में मेट्रो लाइट परियोजना का काम शुरू हो जाएगा। जिन बाकी शहरों में मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावित है उनके लिए मेट्रो लाइट/मेट्रो नियो परियोजना की डीपीआर भी तैयार कराने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया।

    सौ दिन में दोगुनी होगी इलेक्ट्रॉनिक बसों की संख्या

    प्रदेश के जिन 14 शहरों में इलेक्ट्रॉनिक बसें चल रहीं हैं 100 दिन में उनकी संख्या दोगुनी करने और जरूरत के अनुसार जनता की सहूलियत के लिए  नए रूट्स भी इनके संचलन के दायरे में लाए जाएंगे। सभी नगर निगमों में भी इलेक्ट्रॉनिक बसों की सेवा भी शीघ्र शुरू होगी।