निदा खान (Photo Credits-ANI Twitter)
निदा खान (Photo Credits-ANI Twitter)

    Loading

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बुर्का पहने 27 वर्षीय एक महिला प्रचार कर रही है। यह महिला तीन तलाक पीड़िता है और मुस्लिम महिलाओं को राज्य में भाजपा द्वारा किए गए ‘‘अच्छे कार्यों’ के बारे में जानकारी दे रही है।  इनका नाम है निदा खान। निदा ने विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया है और अगले चरण के चुनाव के लिए प्रचार में शामिल होने के लिए तैयार हैं।    

    रूढ़िवादी परिवार से ताल्लुक रखने वाली निदा पार्टी के प्रचार के दौरान बुर्का पहनती हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ आमतौर पर भाजपा की महिला सदस्य और पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की सदस्य होती हैं।  इस वर्ष पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में शामिल हुईं निदा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने घर-घर जाकर प्रचार किया है और मेरठ और बरेली में भाजपा उम्मीदवारों के लिए महिला मतदाताओं के साथ छोटी बैठकें की हैं। मैं बाद में मध्य और पूर्वी जिलों में भी पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल होऊंगी।” 

    निदा ने बताया, ‘‘हम छोटे समूहों में घर-घर प्रचार करने के लिए जाते हैं और एक दिन में अधिक से अधिक महिला मतदाताओं से मिलने की कोशिश करते हैं। महिला मतदाताओं से मिलने पर, मैं उन्हें भाजपा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताती हूं।”  उन्होंने बताया कि ये समूह आमतौर पर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में प्रचार करते हैं। 

    भाजपा में शामिल होने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर निदा ने बताया, ‘‘मैंने महसूस किया है कि सभी राजनीतिक दल चाहे वह समाजवादी पार्टी हो, कांग्रेस हो या बहुजन समाज पार्टी (बसपा) हो, सभी मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वे सत्ता में आने के लिए हमारे वोट लेते हैं, और फिर अगले पांच वर्षों के लिए हमें भूल जाते हैं। यही कारण है कि मुस्लिम समुदाय हमारे समाज में सबसे कम विकसित समुदायों में से एक है। हालांकि, भाजपा में यह नहीं है, यहां सभी को समान माना जाता है।”   

    यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश में भाजपा ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया,इस पर उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि टिकट वितरण का निर्णय भाजपा में सिर्फ वोट बैंक के आधार पर नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर किया जाता है। मुझे यकीन है कि पार्टी को मुस्लिम समुदाय से उपयुक्त उम्मीदवार मिलेंगे, जिन्हें भविष्य में चुनावों में टिकट मिलेगा।”  कानून की पढ़ाई करने वाली निदा 2017 में अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा और दहेज की शिकायत दर्ज कराने के बाद सुर्खियों में आईं। 

    उन्होंने आरोप लगाया था कि बरेली के एक प्रभावशाली परिवार से आने वाले उसके पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया। इन मामलों की सुनवाई बरेली की स्थानीय अदालतों में चल रही है।  निदा ने बताया, ‘‘मेरी शादी के ठीक बाद मुझे जो उत्पीड़न झेलना पड़ा, उसने मुझे अन्य मुस्लिम महिलाओं के लिए लड़ने की ताकत दी, जो एक बार में तीन तलाक और दहेज की शिकार हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा पारित तीन तलाक विरोधी कानून और उत्तर प्रदेश सरकार का अवैध धर्म परिवर्तन कानून ‘मुस्लिम महिलाओं और समाज के लिए वरदान’ है।  

    उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि मुस्लिम समुदाय की महिलाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के अच्छे कामों को समझे। मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के फिर से सत्ता में आने पर मुसलमानों की सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।”(एजेंसी)