
लखनऊ: स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की और बेहतरी के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ( Deputy CM Brajesh Pathak) ने अहम कदम उठाया है। अब डिप्टी सीएम मरीजों से खुद मुखातिब होंगे। उनसे फोन (Phone) पर इलाज का फीडबैक (Feedback) लेंगे। शिकायत मिलने पर आवश्यक सुधार भी करेंगे। यूपी (UP) में पहली बार मरीजों से फीड बैक लेने की अनूठी पहल की शुरुआत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने की है। यह जानकारी बुधवार को डिप्टी सीएम ने पत्रकार वार्ता में दी। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य आपका संकल्प सरकार का अभियान का शुभारंभ किया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक से मरीजों का रोज का ब्यौरा मांगा गया है। रोजाना प्रदेश के पांच जिलों के कुछ मरीजों से फोन पर इलाज का फीड बैक लिया जाएगा। इन मरीजों का चयन रैंडम होगा। इसकी जानकारी पहले से किसी को नहीं होगी।
सीधे फोन पर लूंगा जानकारी
डिप्टी सीएम ने कहा कि मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। रोज मरीजों से बात करूंगा। इससे कमियों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। शिकायतों को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज परेशान हाल आते हैं। यदि उन्हें अस्पताल में भी सुविधा और राहत नहीं मिली तो सारे प्रयास बेमतलब होंगे। लिहाजा मरीजों का फीड बैक जरूरी है। शिकायत और सुझाव के आधार पर जरूरी सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। इससे स्वास्थ्य के ढांचे में सुधार होगा।
स्वस्थ नागरिक, स्वस्थ प्रदेश की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के मरीजों से जरिये दूरभाष संवाद कर उनके स्वास्थ्य का कुशलक्षेम जाना एवं चिकित्साकर्मियों की कार्यशैली व चिकित्सालय की जन स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए। pic.twitter.com/ZzY9aP8EHh
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) June 22, 2022
डॉक्टर-कर्मचारी बेहतर काम कर रहे
डॉक्टर और कर्मचारियों के काम के तरीके में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। अब तक मैंने लोहिया, केजीएमयू, सिविल और प्रदेश के कई अस्पतालों का दौरा कर चुका हूं। मरीजों से इलाज के इंतजामों के बारे में जानकारी हासिल की। सभी ने डॉक्टर और कर्मचारियों की मेहनत की तारीफ की है।
इन पर होगा फोकस
- मरीजों की भर्ती, मुफ्त दवा और जांच में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है।
- डॉक्टर-कर्मचारियों का मरीज-तीमारदारों के प्रति बरताव कैसा है।
- साफ-सफाई का क्या हाल है।
- कूलर, पंखे और एयर कंडीशन की क्या स्थिति है।
- ओपीडी पंजीकरण।
- ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय।
- डॉक्टरों के वार्ड में राउंड लेने का समय।