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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ( UP Finance Minister Suresh Khanna) द्वारा जारी वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार की राजस्व वसूली (Revenue Recovery) में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा दर्ज किया गया है। इस वित्तीय बढ़ोत्तरी में आबकारी विभाग (Excise Department), स्टांप और निबंधन और परिवहन विभाग ने अहम भूमिका अदा की है, जबकि भूतत्व और खनिकर्म विभाग ने निराश किया है। आबकारी विभाग ने राज्य के कोष में सबसे अहम योगदान दिया। शासन की नीतियों और विभाग के कुशल प्रबंधन के चलते आबकारी विभाग को मार्च 2022 तक 36,321.13 करोड़ रुपए राजस्व मिला, जबकि मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 30,060.34 करोड़ था। इस तरह विभाग ने 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व सरकारी खजाने में दिया।

    इसी तरह स्टाम्प और निबंधन के अंतर्गत मार्च 2022 तक 20,045.68 करोड़ राजस्व मिला, जबकि मार्च 2021 तक 16,471.83 करोड़ रुपए मिला था। जो पिछले वर्ष के मुताबिक करीब साढ़े तीन हजार करोड़ ज्यादा रहा।

    परिवहन विभाग ने भी दिया बेहतरीन योगदान

    राज्य के परिवहन विभाग ने भी सरकारी खजाने को मजबूती देते हुए अपना योगदान दिया। विभाग को मार्च 2022 तक 7159.38 करोड़ रुपए राजस्व मिला, जबकि मार्च 2021 तक 5905.95 करोड़ मिला था। भू-तत्व और खनिकर्म में भी मार्च 2022 तक 2664.59 करोड़ का राजस्व आया, जबकि मार्च 2021 तक 3120.97 करोड़ आया था।

    वित्त मंत्री ने जारी किए आंकड़ें

    वित्त मंत्री द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश सरकार का राजस्व 2020-21 के मुकाबले 2021-22 मे 25,226.62 करोड़ बढ़ा है। 2021-22 में  यूपी सरकार को 1,47843.10 करोड़ राजस्व मिला, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 122616.48 करोड़ था। इसी तरह जीएसटी (GST) के अंतर्गत मार्च 2022 तक 54,594.13 करोड़ राजस्व मिला, जबकि मार्च 2021 तक 44,944.44 करोड़ मिला था। और वैट (VAT) के अंतर्गत मार्च 2022 तक 27,058.19 करोड़ राजस्व मिला, जबकि मार्च 2021 तक 22,112.95 करोड़ मिला था।