
- सीएम योगी के निर्देश पर अक्टूबर माह में परिवहन निगम ने चलाया चेकिंग अभियान
- अभियान के दौरान एक माह में ही निगम ने कमाए 32,58,385 रुपये
लखनऊ: पिछली सरकारों में घाटे में चल रहे प्रदेश के विभिन्न विभागों को सरप्लस रेवेन्यू वाला विभाग बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) लगातार कदम उठा रहे हैं। योगी सरकार की यह पहल रंग भी ला रही है। प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले जहां दर्जनों विभाग घाटे में चल रहे थे, वहीं आज वह न केवल घाटे से उबरे हैं बल्कि सरप्लस रेवेन्यू वाले विभाग बनकर उभरे हैं। इसी के तहत समय-समय पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UP Roadways) रेवेन्यू कलेक्शन, बिना टिकट व बुकभार यात्रा करने वालों के खिलाफ जांच अभियान चलाता रहता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रवर्तन कार्मिकों द्वारा अक्टूबर में चेकिंग की गयी, जिसमें विभाग को केवल एक माह में 32 लाख 58 हजार 385 रुपये (Rs 32.5 lakh) का रेवेन्यू प्राप्त हुआ।
एक लाख से अधिक बार बसों की जांच की गयी
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रधान प्रबन्धक (कार्मिक) अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मंशा के अनुरूप परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए कई कदम उठाए गए। इससे निगम ने पिछले साढ़े छह वर्षों में काफी लाभांश अर्जित किया है।
इसके लिए मुख्यालय स्तर से गठित सूमो चालाक दल एवं इन्टरसेप्टर के माध्यम से समय-समय पर परिवहन निगम की बसों की नियमित जांच की जाती है। ऐसे में अक्टूबर में परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों की 1,16,834 बार जांच की गयी। जांच के दौरान कुल 4901 यात्री बिना टिकट यात्रा करते पाये गये जबकि 172.4 टन बिना बुक भार पकड़ा गया है। जांच दल द्वारा की गई कार्यवाही से विभाग को 32 लाख 58 हजार 385 रुपये वसूले गये। इस दौरान 8,420 चालकों, परिचालकों का एल्कोहल टेस्ट भी किया गया।