UPGIS2023

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन (यूपीजीआईएस-2023) में निवेश प्रस्तावों के मामले में एक बार फिर से पश्चिम के जिलों का पलड़ा भारी रहा है। निवेश के लिए सबसे ज्यादा प्रस्ताव एनसीआर के इलाके को ही मिले हैं। हालांकि पिछले निवेशक सम्मेलन के मुकाबले इस बार पूर्वांचल और बुंदेलखंड भी उद्यमियों की पसंद बनकर उभरे पर धनराशि को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) सभी जिलों पर भारी रहा।

    जीआईएस में होने वाले कुल 33.50 लाख करोड़ रुपए का एक बड़ा हिस्सा 7.85 लाख करोड़ रुपए अकेले नोएडा के हिस्से में आया है जो प्रदेश भर में होने वाले निवेश के 27 फीसदी से भी अधिक है। हालांकि निवेश राशि के मामले में शीर्ष पांच जिले में पूर्वांचल के वाराणसी और गोरखपुर अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं। नोएडा को लेकर निवेशकों की पसंद इस कदर रही है कि एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निवेश परियोजनाओं वाली चारों कंपनियों ने इसे ही चुना है। नोएडा के बाद दूसरा सबसे पसंदीदा जिला आगरा और उसके बाद लखनऊ रहा है। जीआईएस में आगरा के लिए 2.18 लाख करोड़ रुपए के 281 निवेश प्रस्ताव आए हैं तो लखनऊ में 1.96 लाख करोड़ रुपए के 782 प्रस्ताव मिले हैं।

    रिनीवल ऊर्जा और इलेक्ट्रानिक्स रहा सबसे अव्वल

    अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करने में सबसे अव्वल रिनीवल ऊर्जा और इलेक्ट्रानिक्स रहा है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 144 कंपनियों ने 4.47 लाख करोड़ रुपए के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी तरह इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में 151 कंपनियों ने 3.58 लाख करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं के लिए एमओयू किया है। निजी क्षेत्र को औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन और रियायतों का असर जीआईएस में देखने को मिला है। निजी औद्योगिक पार्क की स्थापना के लिए 2020 कंपनियों नें 3.28 लाख करोड़ रुपए का एमओयू किया है।

    पूर्वांचल के लिए 29 फीसदी निवेश प्रस्ताव आए

    औद्योगिक विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश भर में 19,058 एमओयू पर हस्ताक्षर जीआईएस के दौरान किए गए हैं। नोएडा के लिए 1,355 तो गाजियाबाद के लिए 3,241 और लखनऊ के लिए 782 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुल निवेश प्रस्तावों में सबसे ज्यादा 45 फीसदी पश्चिमी जिलों के लिए तो बुंदेलखंड और मध्यांचल के लिए 13.13 फीसदी मिले हैं। पूर्वांचल के लिए 29 फीसदी निवेश प्रस्ताव आए हैं जिनमें से 5.93 फीसदी गोरखपुर में तो 4.75 फीसदी वाराणसी जिले के लिए हैं। अभी तक 4.58 लाख करोड़ रुपए के 416 प्रस्ताव देने वाले उद्यमियों ने अपने जिलों का चयन नहीं किया है। सबसे कम 605 करोड़ रुपए का निवेश सिद्धार्थनगर जिले में मिला है जहां 128 कंपनियों ने रुचि दिखायी है।

    भारी भरकम निवेश के प्रस्ताव मिले 

    सम्मेलन के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी कंपनियों की ओर से भी भारी भरकम निवेश के प्रस्ताव मिले हैं और इनमें भी यूनाइटेड किंगडम, यूएसए और स्वीडन सबसे आगे रहे हैं। स्वीडन से 1.76 लाख करोड़ रुपए, यूके और यूएसए से 4.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश आया है। प्रदेश में 203 कंपनियों ने 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि 1500-2000 करोड़ के बीच निवेश करने वाली 46 कंपनियां हैं। इसी तरह 1000 से 1500 करोड़ तक निवेश करने वाली 56 तो 500-1000 करोड़ रुपये की परियोजना लगाने 261 निवेशक सामने आए हैं। प्रदेश में 100 से 500 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं के लिए 1023 उद्यमियों ने एमओयू किया है। सबसे ज्यादा तादाद में 17,469 छोटे और मझोले उद्यमियों ने 100 करोड़ रुपए से कम लागत के उद्योग लगाने के लिए एमओयू किया है।