उत्तर प्रदेश में आगामी पांच माह में 3795 बसों का बेड़ा होगा: दयाशंकर सिंह

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (Uttar Pradesh Transport Corporation) में निजी बसों (Private Buses) को साधारण, ग्राम्य और मिड सेगमेंट और हाई एंड बस सेवाओं के लि‍ए बसों की संख्या में 1,400 की वृद्धि करने के साथ-साथ साधारण कुर्सी सह शयनयान और वातानुकूलित कुर्सी सह शयनयान और वातानुकूलित शयनयान चलाने की योजना को प्रख्यापित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नियोजन का प्रयोजन यात्रियों की सेवा में कुल 80 हाई एण्ड, 25 वातानुकूलित स्लीपर, 250 ग्राम्य सेवाओं की बसों, साधारण व वातानुकूलित कुर्सी – सह – शयनयान श्रेणी की 100 बसों और साधारण श्रेणी की 3,200 बसों सहित अनुबन्धित बसों का बेड़ा 2325 के सापेक्ष आगामी पांच माह में कुल 3795 बसों का बेड़ा करना है। सिंह ने बताया कि इसके लिए बसों की अनुबन्ध अवधि साधारण बसों और हाई एण्ड बसों के लिए 10 वर्ष और वातानुकूलित बसों के लिए आठ वर्ष की रखी गयी है। उन्होंने बताया कि ग्राम्य सेवाओं और हाई एण्ड बसों में आय न आने की दशा में मार्ग परिवर्तन का प्राविधान भी किया गया है।

    दयाशंकर सिंह ने बताया कि अब निगम में 4 सिलिण्डरयुक्त इंजन की बसों को भी अनुबन्धित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बीएस-6 नार्म का पालन करने वाली बसें ही अनुबन्धित की जाएंगी। सामान्यतः पंजीयन तिथि से अधिकतम दो वर्ष की आयु वाली बसों को अनुबन्धन में लिया जा सकेगा, परन्तु ग्राम्य सेवाओं में पंजीयन तिथि से चाक वर्ष आयु की बसें भी विचारणीय होगी। 

    प्रशासनिक शुल्क में 50 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट दी गयी

    दयाशंकर सिंह ने बताया कि पूर्व की योजना के सापेक्ष साधारण बसों में प्रशासनिक शुल्क में 50 पैसे, सीएनजी इंजन युक्त बस में 1.75 रुपए प्रति किमी की छूट दी गयी है और ग्राम्य मार्गों पर प्रशासनिक शुल्क प्रति किमी 3.00 रुपए कम रखा गया है। उन्होंने बताया कि मिड सेगमेंट और स्लीपर बसों का प्रशासनिक शुल्क 7.50 रुपए और हाई एण्ड बसों का  8.00 रुपए प्रति किमी रखा गया है। प्रशासनिक शुल्क वह राशि है जो परिवहन निगम द्वारा चार्ज की जानी है। सिंह ने बताया कि ग्राम्य सेवाओं में प्रथम 4 माह के लिए प्रशासनिक शुल्क में 50 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट दी गयी है। इस निश्चित स्तर से अधिशेष आय का 50 प्रतिशत भी वाहन स्वामी को देय होगा। बसों को लम्बे मार्गों सहित अन्तर्राज्यीय मार्गों पर भी अनुबन्धित किए जाने का अवसर खोला गया है। प्रस्तावित योजना में वाहन स्वामियों को प्रक्रियात्मक कार्यवाहियों में अधिक सुगमता और पारदर्शिता सुनिश्चित की गयी है। यात्री राहत योजना में दी जाने वाली दावा राशि से अनुबन्धित बस स्वामी को मुक्त रखा गया है। इस योजना के सम्बन्ध में क्षेत्रीय प्रबन्धक कार्यालय से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।