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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: त्योहारी सीजन में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मंडियों में सब्जियों के दामों (Vegetable Prices) में आग लगी हुई है। सितंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्टूबर में हुई बेमौसम बरसात (Unseasonal Rain) के चलते जहां प्रदेश में सब्जी की फसल खेतों में बड़े पैमाने पर बर्बाद हुई है, वहीं बाहरी माल की आवक भी कमजोर हो गयी है। इन सबके के उपर त्योहारी मांग का बाजार पर खासा दबाव है।

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में थोक मंडियों में आलू, प्याज, टमाटर जैसी रोजमर्रा की जरुरत की सब्जियों में तो खासी तेजी आई ही है, वहीं मौसमी सब्जियां भी मंहगी हो गयी हैं। थोक विक्रेताओं का कहना है कि बाहरी आवक में सुधार के बिना दाम में कमी आना संभव नहीं है। उनका कहना है कि अगले महीने से शुरु होने वाली सहालग में दाम और उपर ही जाएंगे। मौसम खराब होने के चलते बाहर से आने वाले माल में भी कमी आई है और स्थानीय फसल की आवक बरसात के बाद न के बराबर रह गयी है। 

    आलू के बीज खेतों में सड़े

    थोक दुकानदारों का कहना है कि ज्यादातर स्थानीय किसान अब दोबारा गोभी, शलगम, तोरई, टिंडा वगैरा की फसल लगा रहे हैं। आलू की अगैती बोआई करने वाले किसानों का बीज खेतों की नालियों में ही भारी बरसात के चलते सड़ गया है। सब्जी के आढ़तियों के मुताबिक, पालक, सोया-मेंथी, बथुआ जैसे साग की आवक बाजार में बहुत कम है और जो माल आ भी रहा वो वहुत ज्यादा दामों पर मिल रहा है।

    60 रुपए किलो बिक रहा टमाटर

    आढ़तियों का कहना है कि महीने भर पहले 20 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर इन दिनों थोक बाजार में 50 रुपए तो खुदरा बाजार में 60 रुपए किलो बिकने लगा है। आलू की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं और अक्टूबर की बारिश के चलते अगैती फसल पर पड़े असर के बाद अभी और महंगाई आएगी। थोक बाजार में आलू 900 रुपए में 50 किलो का बोरा बिक रहा है, जबकि खुदरा बाजार में कीमतें 20 से 22 रुपए किलो से कम नहीं हैं। मध्य प्रदेश से आवक बेहतर रहने के चलते प्याज के दामों में जरुर तेजी नहीं देखने को मिल रही है, पर आने वाले दिनों में इसमें कुछ तेजी दिख सकती है। अब थोक बाजार में प्याज के दाम 25 से 30 रुपये किलो चल रहे हैं।

    बीन्स 140 से 160 रुपए किलो बिक रही

    मंडियों में सबसे ज्यादा आग हरी सब्जियों के दामों में लगी हुयी है। खुदरा मंडी में शिमला मिर्च 100 से 120 रुपए, बीन्स 140 से 160 रुपए किलो मिल रही है। परवल और करेला 80 से 100 रुपए किलो तो स्थानीय बाजारों से आने वाला बैंगन भी 30 से 40 रुपए किलो की कीमत पर मिल रहा है। आढ़तियों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर अच्छी पैदावार के चलते हर साल फूल गोभी की कीमत काबू में रहती थी पर इस साल अक्टूबर की बारिश ने इस पर भी असर डाला है।