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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के कुशल मार्गदर्शन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (State Rural Livelihood Mission) द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की दिशा में सार्थक और गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं और इस दिशा में काफी उत्कृष्ट और उल्लेखनीय कार्य भी हुए हैं। आजीविका मिशन के तहत तैनात विद्युत सखियों (Vidyut Sakhis) द्वारा अब तक 400 करोड़ रुपए के विद्युत बिलों का संग्रहण किया गया है, जिसमें विद्युत सखियों ने 6 करोड़ रुपए का कमीशन अर्जित  किया है। 

विद्युत सखी कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 में लागू किया गया, जिसमें विद्युत बिल संग्रह एजेन्टों के रूप में ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आय का सृजन किया जाता है और डिस्काम के राजस्व को भी बढ़ाया जाता हैं। प्रदेश के 75 जिलों में बिल कलेक्शन का कार्य करने के लिए 15,521 विद्युत सखियां पंजीकृत की गई हैं। जिसमें से 10,091 विद्युत सखियों द्वारा सक्रिय रूप से बिल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा है। मोबाइल एप ‘विद्युत सखी’ के माध्यम से बिल एकत्र किए जाते हैं और इन विद्युत सखी की प्रगति की निगरानी राज्य की टीम द्वारा की जाती है।

‘विद्युत सखी’ एप पर बिजली बिल जमा कराया जाता है

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी. इंदुमती ने बताया कि ब्लॉक/ जिला /राज्य स्तर पर विद्युत सखियों को मोबाइल एप्लीकेशन, बिजली बिल और उनके घटकों, उपभोक्ता संबंध और जुड़ाव जैसे विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए  2,000 रुपए तक के विद्युत बिल का कमीशन दर 20 रुपए और 2,000 रुपए से अधिक के बिल पर 1 प्रतिशत कमीशन विद्युत सखियों को मिलता है और शहरी क्षेत्र में   3,000 रुपए तक के विद्युत बिल के कलेक्शन पर 12 रुपए और 3,000 रुपए से अधिक के बिल के कलेक्शन पर 0.4 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। प्रशिक्षण के बाद विद्युत  सखी द्वारा घर-घर जाकर ‘विद्युत सखी’ एप पर बिजली बिल जमा कराया जाता है। विद्युत सखियों द्वारा एनईएफटी, आईटीजीएस, यूपीआई और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने दैनिक बिल संग्रह के लिए नियमित वैन रिचार्ज किया जाता है। इस तरह यह योजना विद्युत बिल कलेक्शन में तो उपयोगी सिद्ध हो ही रही है और महिलाओं की आमदनी बढ़ाने का बहुत अच्छा माध्यम सिद्ध हो रही हैं।