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Pic: Social Media

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नई दिल्ली/प्रयागराज. जहां एक तरफ खतरनाक माफिया गैंगस्टर से नेता बने प्रयागराज के पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ (Atiq-Ashraf Murder) की बीते शनिवार देर रात को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई।  वहीं इस हत्याकांड में शामिल 3 अज्ञात हमलावरों ने खुद को पुलिस के समक्ष अपना सरेंडर भी कर दिया है। 

क्या है हत्या की वजह 

अब प्रश्न यह उठता है कि अचानक क्राइम के दुनिया के ये 3 न्यूकमर्स, को ऐसी क्या जरुरत आ पड़ी कि, ये अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ जैसे खूंखार और पुराने अपराधियों को बीच पुलिस सुरक्षा में गोलियों से छलनी कर दिया।  वहीं पुलिस की पूछताछ में इन बदमाशों ने अब कबूल किया है कि छोटे मोटे अपराध वह पहले से करते आ रहे हैं। 

वहीं कई मामलों में उनके खिलाफ केस भी दर्ज हैं।  लेकिन अब इन तीनों की लालसा बाहुबली बनने की थी।  उनकी इच्छा थी कि उनका नाम भी देश के बड़े माफियाओं की लिस्ट में शुमार हो।  इसके लिए उन्हें यह सुनहरा मौका लगा जिसे वे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहते थे। 

बाहुबली बनने की सनक या कुछ और 

इतना ही नहीं उन्हें लगा कि अतीक के खिलाफ इस समय माहौल भी है और इनकी हत्या करने से उन्हें समुचित मीडिया कवरेज भी मिलेगा।  इससे एक झटके में उनका नाम पूरे देश में छा जाएगा।  इसके अलावा भी इन आरोपियों ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है।  हालांकि पुलिस उनके बयान पर भरोसा करने के बजाय उनके गृह जिले की पुलिस से उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।  इसके अलावा इन बदमाशों के गांव में पुलिस के बीट अफसर के जरिए भी उनकी डिटेल निकलवाने का प्रयास हो रहे हैं।  वहीं प्रयागराज में सूत्रों के मुताबिक अतीक और अशरफ को गोली मारने के मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसमें तीन नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।  एफआईआर नंबर 37/2023 है। 

वहीं पुलिस के अनुसार अभी तक इस वारदात की कोई खास वजह सामने नहीं आई है।  इन तीनों आरोपियों ने फिलहाल यही बताया है कि उन्होंने केवल अपराध के क्षेत्र में नाम कमाने के लिए ही इस वारदात को किया है।  आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में यही कहा कि, वे कब तक छोटे मोटे अपराधी बने रहते।  उन्हें तो अब बड़ा शूटर बनना है, UP का बड़ा और तगड़ा माफिया बनना है।  इसके लिए किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना जरूरी था।  जो इस समय अतीक और अशरफ की हत्या से बड़ी कोई और वारदात इस राज्य में नहीं हो सकती। 

पुलिस को नहीं भरोसा 

लेकिन इधर पुलिस की पूछताछ में आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों में कई विरोधाभास भी हैं।  इसलिए अब पुलिस इन बयानों का स्पष्ट सत्यापन करने के प्रयास में है।  वहीं इन तीनों आरोपियों की पहचान बांदा के रहने वाले लवलेश तिवारी, हमीरपुर के रहने वाले अरुण मौर्य और कासगंज निवासी सनी के रूप में हुई है।  जानकारी हो कि इन तीनों ने बीते शनिवार की देर रात मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाते समय मोतीलाल नेहरु अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और अशरफ की सरेआम मीडिया के सामने ही मीडिया कर्मचारी बनकर इनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।  वहीं इन बदमाशों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ कर ही इस वारदात को अंजाम दिया था। 

लड़कों के घरवालों ने काटी कन्नी 

हालांकि उधर अतीक और अशरफ अहमद की हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।  उसके प्रयागराज में रहने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।  हत्या को लेकर पिता ने कहा कि हमारा उससे कोई मतलब नहीं था।  उससे हमारी बातचीत बंद थी।