वाराणसी: काशी (Kashi) में उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे अर्धचन्द्राकार घाट की ख्याति पूरे विश्व में है। दुनिया के समृद्ध और शक्तिशाली जी-20 देशों के मेहमान नौका विहार के साथ घाटों के किनारे खड़े भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों की प्रतीक इमारतों का नजारा देखेंगे। योगी सरकार (Yogi Govt.) काशी के घाटों (Kashi Ghats) को खूबसूरत बनाने के लिए इमारतों को स्टोन और सीढ़ियों के रंग में रंगवा रही है। घाटों पर कुछ जगह पर अलग-अलग थीम पर चित्रकारी भी की जाएगी।
जी-20 देशों के मेहमानों के ग्रैंड वेलकम के लिए योगी सरकार काशी की विरासतों को संजो रही है। सरकार काशी के घाटों के किनारे खड़ी इमारतों को पेंट करा रही है। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि 84 घाटों को स्टोन और सीढ़ियों के रंग में रंगा जा रहा है। जिससे घाट के किनारो के भवन अपने प्राकृतिक रंग में दिखाई दे। वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया की घाटों के किनारे उपलब्ध स्थानों पर शिव तांडव जैसी चित्रकारी भी कराई जाएगी। इसके अलावा घाटों पर फसाड लाइट भी लगाई जाएगी, जिससे घाटों की सुंदरता और निखर कर आएगी।
काशी के हर एक धरोहर की तस्वीर पेश करेगी योगी सरकार
योगी सरकार दुनिया के शक्तिशाली देशों के बीच विश्व के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी के हर एक धरोहर की तस्वीर पेश करेगी, जिससे काशी आने वाले जी-20 के मेहमान अपने जेहन में इतिहास से भी प्राचीन शहर काशी की हर रंग की तस्वीर अपने साथ लेकर जाएं।
Engaging the eyes of the beholders, mesmerising, and inspiring. This is Varanasi, exhibiting its glory in preparation for G20 Summit.#G20UttarPradesh #G20India pic.twitter.com/vcau8QjuWW
— G20 UttarPradesh (@G20UttarPradesh) April 14, 2023
योगी सरकार ने की है व्यापक तैयारियां
योगी सरकार जी-20 देशों के अतिथियों का काशी में ग्रैंड वेलकम कर रही है। काशी की पावन धरती पर उतरते ही जी-20 देशों के मेहमान को उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं की झलक देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अंचल के लोक नृत्य अपने आप में एक विशिष्ट पहचान है। एयरपोर्ट से निकलते ही रास्ते में कई जगहों पर भव्य स्वागत मेहमानों का किया जा रहा है। मेहमानों के घूमने के स्थानों से लेकर रात्रिभोज तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। मेहमानों की काशी यात्रा को यादगार बनाने के लिए गायन वादन और नृत्य तीनों विधाओं का संगम देखने को मिलेगा। वाराणसी में सोमवार से तीन दिवसीय जी-20 समिट शुरू होगा। भारत अपनी मेहमानवाजी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। बात विश्व की सबसे प्राचीन व जीवंत नगरी काशी की हो तो यहां मेहमानों के स्वागत की परंपरा अनोखी है। जिला सांस्कृतिक अधिकारी डॉ. सुभाष यादव ने बताया कि 16 अप्रैल को एयरपोर्ट पर मेहमानों का स्वागत बुन्देली लोकनृत्य पाई डंडा और भोजपुरी भाषी क्षेत्र के लोकनृत्य फ़ारुहवाही से किया गया। रास्तों में भी मेहमानों के स्वागत किया गया। जयपुरिया स्कूल पर करमा लोकनृत्य, अतुलानन्द गिलटबाज़ार पर धोबिया लोकनृत्य का आयोजन किया गया। इसके अलावा मेहमानों के रुकने के स्थान होटल ताज पर राई लोकनृत्य और होटल क्लार्क्स में नटवारी लोकनृत्य से स्वागत हुआ।