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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक आपातकालीन ट्रॉमा केयर नेटवर्क (Emergency Trauma Care Network) तैयार हो जायेगा। इस दिशा में अगले दो वर्षों में एक मोबाइल एप (Mobile App) और कॉल सेंटर (Call Center) बनने के अलावा अगले पांच साल में (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस (Ambulance) दोगुनी हो जाएंगी, 3,000 स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ लेवल-दो के 33 और लेवल-एक के 14  ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 

    यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल सड़क हादसों में कम से कम 21,227 लोगों की मृत्यु हुई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिसमें यातायात नियमों और विनियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें लागू करना, राजमार्गों पर भी चौबीसों घंटे गश्त करना शामिल है। 

     ई-हॉस्पिटल सुविधाएं स्थापित करने की भी योजना

    गौरतलब है कि यूपी देश का पहला ऐसा राज्य है जहां लाइव इमरजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम चलाया जा रहा है। यह प्रतिदिन 40,000 कॉल प्राप्त करता है और सालाना तीन लाख मरीजों को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश सरकार की अगले कुछ वर्षों में राज्य के 33 मेडिकल कॉलेजों में ई-हॉस्पिटल सुविधाएं स्थापित करने की भी योजना है। ई-अस्पताल ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुकिंग,ऑनलाइन लैब रिपोर्ट और रक्त उपलब्धता जैसी नागरिक  सेवाओं के लिए ऑनलाइन रोगी पोर्टल प्रदान करते हैं। सरकार अगले पांच वर्षों में स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र में एक लाख लोगों को रोजगार देना चाहती है।

    यूपी सरकार छह मेगा हेल्थ पार्क स्थापित करेगी

    इसके अलावा, योगी सरकार की योजना प्रत्येक नर्सिंग और पैरामेडिकल स्कूल में 49 स्थापित करने की है। सरकार नर्सिंग और पैरामेडिकल सीटों की कुल संख्या को क्रमशः 14500 और 3600 तक बढ़ा रही है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार, सरकार राज्य के हर जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ दवाओं और स्वास्थ्य और शल्य चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 30,000 करोड़ रुपए की लागत से छह मेगा हेल्थ पार्क स्थापित करेगी। अगले पांच साल में प्रदेश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।