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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पर्यटकों (Tourists) को आकर्षित करने के लिए नई चीजें विकसित की जाएंगी और सुविधाएं भी बढ़ेंगी। नवाबी शहर लखनऊ आने वाले पर्यटकों को अब ट्राम में बैठ कर ऐतहासिक स्थलों को घूमने का मजा मिलेगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारों को अहमदाबाद (Ahmedabad) के साबरमती रिवर फ्रंट (Sabarmati River Front) की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

    प्रदेश सरकार की योजना के मुताबिक, ट्राम का संचालन लखनऊ के हेरिटेज क्षेत्र में किया जाएगा और केवल पर्यटकों के लिए इसे चलाया जाएगा। लखनऊ में इसे पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद से ला मार्टिनियर कॉलेज तक चलाने की तैयारी है। हुसैनाबाद में ही लखनऊ की मशहूर इमारतें बड़ा और छोटा इमामबाड़ा के सात ही रूमी गेट, घंटाघर और सतखंडा आदि स्थित हैं। पर्यटकों के लिए लखनऊ को आकर्षक बनाने के लिए और ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के काम को आगे बढ़ाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कई फैसले ले हैं।

     ग्रीन कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के लिए बैठक

    प्राधिकरण अधिकारियों ने रिवर फ्रंट को विकसित करने और ग्रीन कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के लिए प्रदेश के सलाहकार और गुजरात में साबरमती रिवरफ्रंट विकसित करने वाले पूर्व आईएएस केशव वर्मा के साथ बैठक की है। बैठक में पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र से हजरतगंज होते हुए ला मार्टिनियर कॉलेज तक ट्राम चलाने पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने सिटी डेवलपमेंट प्लान में ट्राम चलाने की योजना को पहले ही शामिल कर चुका है।

    …तो नदी को साफ करने में भी मदद मिलेगी 

    विकास प्राधिकरण राजधानी लखनऊ में आईआईएम रोड़ से किसान पथ तक गोमती नदी के दोनों किनारों पर ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने जा रहा है। पहले प्राधिकरण की योजना गोमती नदी के किनारे केवल चार लेन की रोड़ बनाने की योजना थी, लेकिन अब इस परियोजना में बड़ा बदलाव करते हुए कई चीजें शामिल की जाएंगी। प्रदेश के सलाहकार केशव वर्मा ने साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर इसमें तमाम नई चीजें जोड़ने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि केवर ग्रीन कॉरिडोर बनाने से लाभ नहीं होगा, बल्कि इस परियोजना से जनता को भी जोड़ा जाना चाहिए। गोमती नदी को जनता के साथ कनेक्ट करने से शहर भी सुंदर होगा और पर्यटकों की मदद होगी और राजस्व मिलेगा। स्थानीय लोगों का आकर्षण होगा तो नदी को साफ करने में भी मदद मिलेगी।

    नदी के किनारे बनाया जाएगा यूटिलिटी पार्क 

     बैठक में ग्रीन कॉरिडोर के साथ ही गोमती रिवर फ्रंट भी विकसित करने का सुझाव दिया गया है। योजना के मुताबिक ग्रीन कॉरिडोर से जगह-जगह नदी की तरफ उतरने के लिए रास्ते बनाए जाएंगे। नदी के किनारे जगह-जगह पाथवे, योगा सेंटर सहित यूटिलिटी पार्क बनाया जाएगा। प्राधिकरण ने ग्रीन कॉरिडोर में प्रदूषण मुक्त उद्योगों की स्थापना की भी गुंजाइश रखी है। लखनऊ के पारंपरिक उद्योगों को इसके लिए जगह दी जाएगी।