Forest
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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Govt.) बड़े शहरों में वन क्षेत्र तैयार करेगी। प्रदेश में वाराणसी (Varanasi), गोरखपुर (Gorakhpur) और कानपुर (Kanpur) सहित 13 शहरों में 26 नगर वन क्षेत्र या सिटी फॉरेस्ट विकसित किए जाएंगे। इन शहरों में तैयार होने वाले वन क्षेत्र पिकनिक स्पाट के तौर पर विकसित होंगे जहां पर्यटकों की आवक होगी। प्रदेश में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने इस पहल को अगले छह महीने में अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। वन क्षेत्र विकसित करने के लिए जिन 13 शहरों को चिन्हित किया गया है, उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अलावा आगरा, फिरोजाबाद, झांसी, कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, हरदोई, हाथरस, इटावा, हरदोई, रायबरेली, मुरादाबाद और अमरोहा शामिल हैं।

    बड़े शहरों में इन वनों के विकसित होने पर पर्यटकों को नेचुरल पिकनिक स्पॉट का एक विकल्प मिलेगा। साथ ही मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार इको टूरिज्म के दायरे का भी विस्तार होगा। इन सिटी फारेस्ट से स्थानीय स्तर पर रोजी-रोटी के अवसर उपलब्ध होंगे। हर सिटी फॉरेस्ट के लिए केंद्र की ओर से निधारित 2 करोड़ रुपए की धनराशि में से 1.40 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य सरकार को जारी कर दी गई है। जल्द ही यह धनराशि संबंधित जिलों को काम शुरू कराने के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी।

    जनसुविधाएं भी विकसित की जाएंगी

    प्रदेश सरकार विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर 5 जून को इसके लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की शुरुआत कर देगी। शहरों में विकसित होने वाले ये वन क्षेत्र बाउंड्री या बाड़ से घिरे होंगे। इनमें स्मृति वन, आरोग्य वाटिका, नक्षत्र वाटिका और हरिशंकरी वाटिका बनाई जाएगी। जैव-विविधता के लिए इसमें सभी प्रकार की सजावटी, झाड़ियां, बेलदार, औषधीय पौधे, फूल और फलों के पौधे लगाए जाएंगे। यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, साइकिल ट्रेक, पाथवेज, ओपेन जिम, जागर्स पार्क, बेंच समेत जनसुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में योगी सरकार ने वन महोत्सव के दौरान हर साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। नतीजतन कुल मिलाकर वन एवं अन्य विभागों और काश्तकारों ने मिलकर इस दौरान 101.4 करोड़ पौधे लगाए गए। योगी सरकार 2.0 में भी इन योजनाओं का सिलसिला जारी रहेगा।

    पूर्वजों के नाम पर पौधरोपण जैसी योजनाएं शुरू की गई

    मुख्यमंत्री की पहल पर गंगा के किनारे गंगा वन, नक्षत्र वाटिका, गृह वाटिका, राम वनगमन मार्ग पर उस समय के पौधों का पौधरोपण, विरासत वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन शुरु किया गया है। इसी के साथ ब्रज क्षेत्र में द्वापर युग मे जितने तरह के वनों का जिक्र है उनको केंद्र में रखकर पौधरोपण, अपने पूर्वजों के नाम पर पौधरोपण जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं।