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    दिल्ली: हाल के दिनों में एक नए शब्द ने तकनीकी क्षेत्र में ‘चैटजीपीटी’ (ChatGPT) नाम ने एक चर्चा पैदा की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित इस ऐप को माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने पिछले साल लॉन्च किया था। अब इसे टक्कर देने के लिए गूगल ने ‘बार्ड’ (Google Bard) नाम से अपना चैटबॉट लॉन्च किया है। चीनी कंपनी Baidu भी चैटबॉट लाने की तैयारी कर चुकी है और इसकी टेस्टिंग अंतिम चरण में है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (Google CEO Sundar Pichai) ने एक ब्लॉग के जरिए ‘बार्ड’ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने बेसिक काम के बारे में भी बताया। बार्ड कंपनी के ‘लेम्डा’ (Lemda) यानी लैंग्वेज मॉडल डायलॉग एप्लीकेशन प्लेटफॉर्म पर काम करता है। शुरुआत में कुछ चुनिंदा ऐप टेस्टर्स को ‘बार्ड’ का एक्सेस दिया गया है। जल्द ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। बार्ड इंटरनेट की दुनिया से जानकारी निकाल सकेगा। इसके विपरीत, चैटजीपीटी में यह क्षमता नहीं है। चैटजीपीटी की तरह ‘बार्ड’ को गूगल ने डिजाइन किया है।

    प्रतियोगिता में चीन की ‘एर्नी बैट’ भी उतरेंगी

    चीन की प्रमुख आईटी कंपनी ‘बैडू’ (Baidu) ने एआई आधारित एर्नी बैट (arni Bat) बनाया है। यह परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और मार्च या अप्रैल में लॉन्च होने की संभावना है। ‘बार्ड’ का अर्थ है वह व्यक्ति जो कविता या कविता लिखता है। एक ऐसा कवि जिसने विशेष रूप से वीरों पर रचना की।

    क्यों लाए ‘बार्ड’

    टेक सेक्टर का लंबे समय से मानना ​​रहा है कि चैटजीपीटी के बाद गूगल का सर्च इंजन (Google Search Engine) खत्म हो जाएगा। अफवाह यह भी है कि एआई ट्वीटबैट्स गूगल के सर्च इंजन को नष्ट कर सकता है। इसीलिए इस विकल्प को बनाने का निर्णय लिया गया।गूगल इस पर पिछले छह साल से काम कर रहा है। महत्वपूर्ण रूप से Google के पास कई विकल्प उपलब्ध हैं। Google के पास अपने सर्च इंजन के माध्यम से जानकारी का खजाना है। लिहाजा निकट भविष्य में ‘चैटजीटीपी’ और ‘बार्ड’ के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।