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    दिल्ली: ChatGpt अभी एक गर्म विषय है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च कंपनी OpenAI ने AI आधारित चैटबॉट ChatGPT पेश किया है। इसका मतलब यह है कि आप उससे जो कुछ भी पूछेंगे, वह उसके पास मौजूद जानकारी के आधार पर आपको जवाब देगा। वर्तमान में यह अंग्रेजी भाषा पर काम करता है। अब ‘चैट जीपीटी’ ने 100 मिलियन यूज़र्स  का आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे चैट जीबीटी एआई दुनिया में इतने कम समय में 100 मिलियन अंक तक पहुंचने वाला पहला AI बन गया है।

    अमेरिकियों के अधिकारों और प्राइवेसी का सम्मान करें

    हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स साइंस कमेटी के एक सांसद टेड लिउ (United States Representative) ने न्यूयॉर्क टाइम्स (New York Times) में अपनी राय बताई और कहा कि वह एआई के बारे में खुश है और यह समाज को आगे बढ़ाने में मदद करेगा लेकिन AI पहले सुनिश्चित करे सभी अमेरिकियों के अधिकारों और प्राइवेसी का सम्मान करें। Chat GPT ने यह डर पैदा किया है कि एआई जैसे चैटजीपीटी का उपयोग गलत जानकारी फैलाने के लिए किया जा सकता है, जबकि स्कूल के शिक्षकों को चिंता है कि इसका इस्तेमाल छात्रों द्वारा होमवर्क पूरा करने किया जाएगा। AI ने दुनिया भर में जिज्ञासा और भय का माहौल बनाया है।

    कई लोग उत्सुक है तो कई मानते हैं इसे खतरा

    टेक्नोलॉजी (Technology) के क्षेत्र में आ चुके ‘चैटजीपीटी’ (ChatGPT) को लेकर कई लोग उत्सुक है तो कई इसे खतरा मानते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट चैटजीपीटी को पिछले साल 30 नवंबर को लॉन्च किया गया था। हालांकि, इसी समय ‘चैटजीपीटी’ और ‘एआई’ ने कई क्षेत्रों में नौकरियों को खतरे में डाल दिया है। चैटजीपीटी इंटरनेट के इतिहास में सबसे तेजी से बढ़ने वाला एप्लिकेशन बन गया है।