Mark Zuckerberg बेच सकते हैं WhatsApp, जानें आखिर क्यों कंपनी को लेना पड़ा ऐसा फैसला

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    नई दिल्ली: Facebook की पैरेंट कंपनी Meta के रेवेन्यू में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। साल 2022 की दूसरी तिमाही में रेवेन्यू ड्रॉप हुआ है। जिसका असर अब कंपनी के इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp पर भी पड़ सकता है। जिसके बाद अब ऐसे कई रिपोर्ट्स सामने आ चुके हैं, जिसमें कयास लगाए जा रहे हैं कि, कंपनी अब Whatsapp को बेच सकती है। 

    रिपोर्ट के अनुसार, मेटा की टोटल रेवेन्यू में 1 परसेंट की गिरावट देखी गई है। इससे इसकी कमाई कम होकर 28.8 बिलियन डॉलर (लगभग 23 हजार अरब रुपये) हो गई। कंपनी के अनुमान के अनुसार, तीसरी तिमाही में भी इसमें गिरावट देखी जा सकती है। कंपनी अनुमान लगा रही है कि, इसकी कमाई तीसरी तिमाही में लगभग 20 हजार अरब रुपये हो सकती है। 

    फेसबुक के अलावा Meta का भी ओवरऑल प्रॉफिट 36 परसेंट कम हो गया है, जो घटकर 6.7 बिलियन डॉलर रह गया है। Facebook का मेटावर्स को लेकर बड़ा प्लान है, जिस पर कंपनी ने पहले ही अरबों डॉलर्स खर्च कर चुकी है। Meta का एक खास डिविजन Reality Labs मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) के मेटावर्स ड्रीम पर काम कर रहा है। 

    इस डिविजन में पिछली तिमाही में 2.8 बिलियन का घाटा दर्ज किया गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने WhatsApp पर अपना सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट किया था। हालांकि, कंपनी को इससे ज़्यादा फायदा नहीं हुआ। जुकरबर्ग के सामने फ़िलहाल कई तरह की चुनौतियां हैं। कंपनी इंस्टाग्राम पर TikTok की तरह रील्स का अपडेट लाकर यूजर्स को इंगेज रखने की कोशिश कर रहे हैं। 

    जुकरबर्ग ने साल 2012 में इंस्टाग्राम को 1 बिलियन डॉलर में खरीदा था। जिसके बाद इस ऐप से साल 2019 में ही कंपनी को 20 बिलियन डॉलर का शानदार फायदा हुआ था। फिर उन्होंने साल 2014 में 19 बिलियन डॉलर में Whatsapp को खरीदा था। लेकिन, यह ऐप कमाई के मामले में इंस्टाग्राम से बहुत पीछे हैं। 

    रिपोर्ट के अनुसार, Whatsapp से कंपनी को बहुत कम रेवेन्यू होने की वजह से इसके IPO के लिए पेश किया जा सकता है। मेटा इसे किसी प्राइवेट इक्विटी कंसोर्टियम या माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी को बेच सकती है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने इसे खरीदने में पहले इंटरेस्ट दिखाया है।