दिल्ली: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में मौजूद 7 में से 3 अंतरिक्ष यात्रियों को वापस पृथ्वी पर लाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मॉस (Roscosmos) एक चुनौती से जूझ रही हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने वाला एयरक्राफ्ट ‘सोयुज’ (Soyuz) टेक्निकल गड़बड़ी का शिकार हो गया है। पिछले साल दिसंबर में इस स्पेसक्राफ्ट में कूलेंट लीक होने की जानकारी मिली थी जिसमे एक छेद होने की जानकारी सामने आई।
रूस ने बनाया एयरक्राफ्ट सोयुज
इस एयरक्राफ्ट सोयुज को रूस ने बनाया है और हाल ही में रूस की ओर से बताया गया था कि वह तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए दूसरा स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजेगी। हालांकि किसी आपत स्थिति से निपटने के लिए एक सीट एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के स्पेसक्राफ्ट में भी लगाने की योजना है। मिली जानकारी के अनुसार स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर 4 अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे और अब इस स्पेसक्राफ्ट में एक और सीट लगाने की योजना है। इस सीट को मौजूदा सोयुज स्पेसक्राफ्ट से ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर शिफ्ट किए जाने का प्लान है। अनोखी बात यही है की यह कोशिश सब अंतरिक्ष में किया जाना है। नासा अपने प्लान में सफल रही तो जरूरत पड़ने पर अमेरिकी एस्ट्रोनॉट फ्रैंक रुबियो को स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से धरती पर लाया जा सकता है।
20 फरवरी को एक और सोयुज लॉन्च करने की योजना
गौरतलब है कि सोयुज और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अभी आईएसएस पर डॉक हैं। MS-22 नाम का सोयुज स्पेसक्राफ्ट पिछले महीने तकनीकी रूप से फेल हाे गया था। पहले इसका कूलेंट लीक हुआ और फिर छोटा छेद होने की जानकारी सामने आई। यह सब कैसे हुआ, जांच की जा रही है। दूसरी ओर, रूस ने इस स्पेसक्राफ्ट से आईएसएस पर पहुंचे अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए 20 फरवरी को एक और सोयुज लॉन्च करने की योजना बनाई है। रिपोर्टों के अनुसार, अगर कोई आपत स्थिति आई, तो तकनीकी रूप से फेल MS-22 सोयुज स्पेसक्राफ्ट से सिर्फ 2 अंतरिक्ष यात्री ही धरती पर वापस आ सकेंगे।