आसमान से धरती की ओर बढ़ रहा दुर्लभ उल्कापिंड, NASA ने दी बड़ी तबाही की चेतावनी

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    नई दिल्ली. प्रकृति के पास बहुत सी रहस्यमई चीजें हैं, जो आए दिन दुनिया के सामने आ रही हैं। जिससे कई रहस्यों का पता लगाया जा सकता है। दरअसल नासा ने धरती की ओर तेजी से आ रही ये आफत एक विशालकाय एस्टेरॉयड यानी उल्कापिंड के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस ऐस्टरॉइड का आकार एफिल टॉवर जितना बड़ा है। वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड का नाम 4660 Nereus रखा है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये एस्टेरोइड 4 मील प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। 

    नासा के जानकारी के मुताबिक ये विशाल एस्टेरोइड 11 दिसंबर तक धरती के ऑर्बिट से टकरा सकता है, जिसकी वजह से धरती को भारी तबाही का सामना करना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये एस्टेरोइड पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा। इस दौरान अगर पृथ्वी की ग्रेविटी ने इस एस्टेरोइड को अपनी ओर खींच लिया, तो धरती को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

    आसमान से धरती की ओर आ रही बड़ी तबाही (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    वैज्ञानिकों के माने तो उल्कापिंड के धरती से टकराने की संभावना काफी कम हैं। नासा के मुताबिक ये एस्टेरोइड पृथ्वी से जितनी दूरी चांद की है उससे 10 गुना ज्यादा दूर से गुजरेगा। फिर भी नासा ने इसे खतरे की घंटी मान रही है। वहीं कहा जा रहा है कि जिस रफ्तार से एस्टेरॉयड पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है उस हिसाब से ये अगले हफ्ते तक ऑर्बिट के नजदीक पहुंच जाएगा। 

    आसमान से धरती की ओर आ रही बड़ी तबाही (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    बता दें कि एस्टेरॉयड 4660 Nereus की लंबाई 330 मीटर है। इसे 28 फरवरी 1982 में खोजा गया था। तभी से नासा और जापानी स्पेस एजेंसी JAXA इसकी जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। फिलहाल वैज्ञानिक उल्कापिंड से होने वाले नुकसान को रोकने में जुटे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि Nereus दोबारा 2 मार्च 2031 को पृथ्वी के पास से होकर गुजरेगा। इसके बाद ये नवंबर 2050 को फिर से धरती के करीब आएगा। इसके 10 साल बाद फिर से फरवरी 2060 में पृथ्वी के करीब पहुंचेगा।