चंद्रग्रहण में गर्भवती महिलाएं भूलकर भी न करें ये गलती, सेहत के लिए हो सकता है खतरनाक

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    नई दिल्ली: चंद्रग्रहण ये सृष्टि की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। यह ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक ऐसी घटना है। जिसका असर हर एक व्यक्ति के जीवन पर होता है। इनमें भी कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए क्यों की चंद्र ग्रहण का असर उनके साथ- साथ उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी हो सकता है। इस वजह से उन्हें सेहत से जुड़ि कई परेशानियां हो सकती है। 

    इस साल का आखरी और सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण पर 19 नवंबर को है। बता दें कि इस दिन कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। अपने मन में ही ईष्ट देव की आराधना करनी चाहिए। इस साल का चंद्र ग्रहण 19 नवंबर की सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और शाम 05 बजकर 33 मिनट पर पूरा होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में उपछाया के रूप में दिखेगा तो सूतक काल नहीं होगा। 

    ऐसे में ज्योतिषियों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में कुछ नियमों का पालन करना चाहिए, जिससे गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ रहे। आईये जानते है चंद्रग्रहण में आखिर किन बातों ध्यान गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए…… 

    -ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें। 

    – ग्रहण में चंद्रमा को न देखें, इससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

    – नोकदार चीजें जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि का उपयोग न करें। 

    – ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाए, सिलाई भी वर्जित है। 

    – मुंह में तुलसी रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। 

    – ग्रहण समाप्त होने पर शुद्ध जल से स्नान करें। 

    – मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चांद का गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक रहता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।  

    – ग्रहण के समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं। उन्हें बेचैनी, पसीना और कमजोरी हो सकती हैं। 

    – ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं एक नारियल अपने पास रखें।  इससे ग्रहण का बुरा असर नहीं पड़ता। 

    – ग्रहण काल में जप, ध्यान आदि करती रहें। इष्ट देव के मंत्रों का मन ही मन जाप करना चाहिए।