cv raman with nehru

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    नई दिल्ली: देश में 28 फरवरी को ‘विज्ञान दिवस’ (Science Day) के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन (Scientist Sir C V Raman) ने ‘रमन प्रभाव’ (Raman Effect) का आविष्कार किया था। इस खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित किया गया था। महान भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एशिया (Asia) के पहले वैज्ञानिक थे। 

    रमन को यह सम्मान वर्ष 1930 में मिला था। इसी खोज के सम्मान में 1986 से इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस या साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके पश्चात् साल 1954 में भारत सरकार ने सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। 

    उद्देश्य और थीम

    इसे दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों और खासकर बच्चों के बीच विज्ञान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 की थीम है – ‘एसटीआई का भविष्य: शिक्षा, कौशल और कार्य पर प्रभाव।’

    इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से जुड़े प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। भारत में विज्ञान के निरंतर उन्नति कर रहा है। चाहे वो तकनीकी उपकरण हो या परमाणु ऊर्जा, देश आज के समय में इसमें एक अग्रणी स्थान पर है। विज्ञान के सदुयोग और इसके विकास की मदद से ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर बेहतर बना सकते हैं।

    सर सीवी रमन

    सर सी.वी रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को ब्रिटिश भारत में तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता गणित और भौतिकी के प्राध्यापक थे। सीवी रमन ने मद्रास के प्रेसीडेन्सी कॉलेज से एमए किया जिसमें उन्होंने मुख्य विषय भौतिकी को चुना।

    रमन ने वर्ष 1907 में कोलकाता में असिसटेंट अकाउटेंट जनरल के पद पर नौकरी की किंतु विज्ञान के प्रति उनके लगाव के चलते वह इंडियन एसोसिएशन फॉर कल्टीवेशन ऑफ साइंस और कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में शोध करते रहे।

    रमन के विशेष आविष्कार

    महान भौतिक शास्त्री सर चंद्रशेखर वेंकट रमन केवल भारतीयों के लिए ही अपितु दुनिया भर के लोगों के लिए एक अपार प्रेरणा स्रोत हैं। रमन ने स्टील की स्पेक्ट्रम प्रकृति, स्टील डाइनेमिक्स के बुनियादी मुद्दे, हीरे की संरचना और गुणों और अनेक रंगदीप्त पदार्थों के प्रकाशीय आचरण पर भी शोध किया। सर सीवी रमन ही वो पहले व्यक्ति थे जिन्होंने  तबले और मृदंगम के संनादी (हार्मोनिक) की प्रकृति की खोज की थी।