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मुंबई: दिन पर दिन तकनीक में नए-नए बदलाव हो रहे हैं। बिना ड्राइवर वाली कारों के शुरू होने के बाद भी अब सीधे इंसानों को कमांड दी जा सकती है। यानी अब इंसान के दिमाग को मशीन की तरह कंट्रोल किया जा सकता है और उसमें चिप लगाई जा सकती है। एलोन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ऐसा करेगी और इसे हाल ही में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग (USFDA) से मंजूरी मिली है।

भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई 

एलोन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक मानव मस्तिष्क में एक कंप्यूटर चिप लगाने जा रही है, जिसकी मदद से मानव मस्तिष्क को नियंत्रित किया जा सकेगा और इसे सीधे कंप्यूटर से भी जोड़ा जा सकेगा। मस्क की कंपनी को क्लिनिकल ट्रायल के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मंजूरी दे दी है। यानी, वे अब मानव मस्तिष्क में चिप्स लगाकर न्यूरालिंक तकनीक का परीक्षण कर सकते हैं, यह पता लगा सकते हैं कि यह कैसे काम करता है और यह क्या कर सकता है। फिर इस चिप को लगाकर ऐसे लोगों को क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुना जाएगा, जो खुद इस काम के लिए राजी हों। यानी इसके लिए कंपनी की ओर से एक फॉर्म जारी किया जाएगा, जिसे इच्छुक लोग भरकर इस टेस्ट का हिस्सा बन सकते हैं। भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है।

नामुमकिन को मुमकिन बना देती है न्यूरालिंक चिप 

इसे बहुत सरल शब्दों में कहें तो यह एक माइक्रो चिप है, यानी एक छोटी एआई चिप जो सिम कार्ड से भी छोटी है। जिससे मानव मन बचेगा और उसकी मदद से आप असम्भव लगने वाले प्रयोगों को विकलांगों के इलाज की तरह कर सकेंगे। इस चिप की मदद से कई बीमारियों का समय पर पता लगाकर इलाज किया जा सकता है। यह न्यूरालिंक चिप कंप्यूटर से जुड़ी होगी और व्यक्ति बिना बोले भी कंप्यूटर और मोबाइल पर काम कर सकेगा। यानी चिप आपके दिमाग को पढ़ लेगी और बिना बोले सारे काम हो जाएंगे। न्यूरालिंक चिप उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जिन्हें पक्षाघात, अंधापन, स्मृति हानि और न्यूरो संबंधी बीमारियां हैं। इस तकनीक के बारे में और जानकारी आने वाले दिनों में सामने आएगी कि कैसे यह चिप सब कुछ चलाती है। लेकिन अभी के लिए मस्क की कंपनी को यूएसएफडीए से अप्रूवल मिल गया है, यानी जल्द ही ह्यूमन टेस्टिंग होगी और चिप का भविष्य साफ हो जाएगा।