आनलाइन आमसभा में 124.59 करोड़ का बजट पेश

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कोरोना के संक्रमण के कारण मार्च महीने में नहीं हो पाया था जिला परिषद का बजट 

ठाणे. जिप परिषद का वित्त वर्ष 2019-20 का बजट आम सभा में पेश हुआ. 124 करोड़ 59 लाख 52 हजार 600 रुपए का बजट जिप की अध्यक्षा दीपाली पाटिल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीरालाल सोनावणे की उपस्थिति में उपाध्यक्ष तथा वित्त समिति के सभापति सुभाष पवार ने महासभा में पेश किया. बजट में जिप के विभिन्न विभागों की समूहिक और व्यक्तिगत लाभदायक कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुखता से लेने का प्रयास किया गया है. कोरोना की महामारी के चलते बजट की आम सभा ऑनलाइन तकनीक से ली गई, जिसमें जिला परिषद के सभी विभागों के सभापति, सदस्य और  विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए,

उल्लेखनीय है कि कोरोना के चलते इस साल बजट के लिए आयोजित होने वाली विशेष महा सभा नहीं ली जा सकी थी. ऐसे में राज्य सरकार ने जिप के मुख्यकार्यकारी अधिकारी हीरालाल सोनावणे को मूल बजट को मंजूर करते हुए आम सभा में पेश करने के लिए रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनावणे ने 27 मार्च को वित्त वर्ष 2019-20 के संसोधित बजट और 2020-21 के मूल बजट को मंजूरी दे दी. इसके तहत कोविड को लेकर सरकार द्वारा निर्गत आदेश का कड़ाई से पालन करते हुए सोमवार को हुई ऑनलाइन आम सभा में वित्त वर्ष 2019-20 का संसोधित और 2020-21 का मूल बजट पेश किया गया. इस दौरान मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी गीता नागर, सभा के पदस्थ सचिव व उप मुख्यकार्यकारी अधिकारी छाया शिसोदे उपस्थित थीं.

सभी विभागों में विभिन्न योजनाओं के लिए निधि का प्रावधान

बजट में सामान्य प्रशासन, शिक्षा, निर्माण कार्य, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण जलापूर्ति, कृषि, पशुसंवर्धन, समाज कल्याण, महिला व बाल विकास, ग्राम पंचायत, दिव्यांग कल्याण सहित सभी विभागों में विभिन्न योजनाओं के लिए निधि का प्रावधान किया गया. नई जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए सरकार के माध्यम से बड़ी तादाद में निधि मुहैया कराई ही जाती है, फिर भी रखरखाव और मरम्मत के लिए भी स्वतंत्र रूप से भारी  निधि उपलब्ध कराई गई है. हालांकि जिप के इस बजट में कुछ नई योजनाओं को भी शामिल किया गया है. इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा रक्षक की नियुक्ति और सफाई कर्मचारी की नियुक्ति किये जाने का प्रावधान किया गया है.

फूल की खेती को लेकर प्रोत्साहन 

50 प्रतिशत के अनुदान से जिले में उत्कृष्ट पशुपालकों का सम्मान करने, 50 प्रतिशत अनुदान पर संकरित गायों और भैसों का वितरण, आवारा कुत्तों की नशबंदी किये जाने की योजना लाई गई है. किसानों को बीज सुरक्षा के लिए कंटीली तार, विद्युत बाड़ के लिए वित्त मदद करने के लिए प्रति एकड़ दस हजार रुपए अथवा कुल खर्च का 75 प्रतिशत कम होगा. किसानों की आय को बढ़ाने के लिए फूल की खेती को लेकर प्रोत्साहन अनुदान प्रति दस गुंठा पर दस हजार दिए जाने की योजना चलाई गई है. इसके साथ ही अन्य दूसरी कई योजनाओं को बजट में शामिल किया गया है.