Water project will prove to be important for next 50 to 100 years

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    ठाणे. ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) के 34 गांवों में स्टेम के माध्यम से प्रतिदिन 11 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। भिवंडी तालुका (Bhiwandi Taluka) के 24 गांवों में पानी की आपूर्ति करते समय स्टेम (STEM) को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। हालांकि अब उन्हें इस समस्या से जल्द ही निजात मिलेगा। इन 24 गांवों में अलग से पानी की आपूर्ति के लिए महानगरपालिका क्षेत्र के बाहर अलग से पाइप लाइन बिछाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

    स्टेम संचालन समिति के अध्यक्ष नरेश म्हस्के की अध्यक्षता में शुक्रवार को अर्बन सेंटर में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उक्त जानकारी स्टेम के प्रबंधकीय निदेशक (Managing Director) भाऊसाहेब दांगडे (Bhausaheb Dangde) ने दी। बैठक में मीरा-भायंदर की महापौर ज्योत्सना हस्नाले, भिवंडी की महापौर प्रतिभा पाटिल, जिला परिषद अध्यक्षा पुष्पा पाटिल, ठाणे महानगरपालिका आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा, भिवंडी महानगरपालिका आयुक्त सुधाकर देशमुख, स्टेम के महाप्रबंधक संकेत घरत, चौधरी सहित स्टेम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।  स्टेम कंपनी ठाणे, मीरा-भायंदर, भिवंडी और ठाणे जिला परिषद क्षेत्र के 35 गांवों में पानी की आपूर्ति करती है। जल शोधन केंद्र टेमघर से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही भिवंडी महानगरपालिका को जलापूर्ति की व्यवस्था की जाती है। इन जलमार्गों का जाल वर्ष 1984-85 में भिवंडी-निजामपुर महानगरपालिका क्षेत्र से बिछाया गया है।  24 गांवों में होने वाली जलापूर्ति के लिए माणकोली एमबीआर से खारबाव-कटाई-कांबे-शेलार बोरपाड़ा तक 600 मिमी जलापूर्ति सहित कुल 22 किमी।  लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी और यह पाइपलाइन महानगरपालिका क्षेत्र से बाहर जाएगी।  इस पर 34.79 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को निदेशक मंडल और स्टेम के प्रशासनिक और वित्तीय समर्थन द्वारा अनुमोदित किया गया है। 

    इन गांवों को मिलेगा भरपूर पानी

    खारबाव, काटई, कांबा, अंजुर, आलीमघर, सुरई, वेह्ले, माणकोली, भरोडी, दापोडे, गुंदवली, पूर्णे, कोपर, राहनाल, काल्हेर, कालवार, कारिवली, वडूनवघर, वडघर, डुगे, जूनांदुरखी, सारंग, शेलार, बोरपाड़ा के साथ पाये गांव, बंगालपाड़ा, खर्डी और मालोडी इन चार गांवों को अतिरिक्त जलभंडारण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध होने के बाद प्रस्ताव संचालक मंडल और गवर्निंग समिति के समझ मंजूरी के लिए रखने का भी सुझाव दिया।  

    ये होंगे लाभ

    यह करीब 35 में से 24 गांवों की पानी की समस्या को लंबे समय तक हल करने में मदद करेगा। जलमार्गों के रखरखाव और मरम्मत में आसानी होगी। साथ ही स्टेम रेवेन्यू में वृद्धि होगी।  भविष्य में बढ़ती आबादी के साथ अतिरिक्त 50 एमएलडी पानी की मांग को पूरा किया जा सकता है। इस जलमार्ग से कशेली और अंजुर मुख्य जलमार्ग से आपूर्ति किए जाने वाले 12 गांवों की जलापूर्ति भी पूरी की जाएगी। यह रखरखाव लागत पर भी बचत करेगा।