ऐरोली में सर्कस के 60 लोग हैं फंसे, रो रहे हैं लोगों को हंसाने वाले

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राजीत यादव

नवी मुंबई. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते रैंबो सर्कस के कलाकारों समेत कुल 60 लोग अब भी नवी मुंबई के ऐरोली में विगत 5 महीने से फंसे हुए हैं. इन लोगों में बूढों, नौजवानों, महिलाओं और बच्चों का समावेश है. सर्कस बंद होने की वजह से इन लोगों की आय का स्रोत पूरी तरह से बंद हो गया है. जिसकी वजह से लोगों को हंसाने वाले यह लोग अब खुद ही अपनी किस्मत पर रो रहे हैं.

गौरतलब है कि रैंबो सर्कस महाराष्ट्र के पुणे का है. जिसमें बिहार, नेपाल, असम, केरल और महाराष्ट्र के 142 तथा विदेश के 3 कलाकार काम करते हैं. 145 कलाकारों व कर्मचारियों के साथ इस सर्कस के व्यवस्थापक अप्रैल 2020 में नवी मुंबई के सानपाडा में सर्कस दिखाने आए थे. जहां से 6 मार्च 2020 को यह सर्कस ऐरोली के सेक्टर- 10 में आया था. जहां पर सर्कस शुरू किया गया. जिसे देखने के लिए लोग हर दिन आने लगे थे. इसी दौरान नवी मुंबई में कोरोना के संक्रमण का फैलाव शुरू हुआ. जिसके चलते 16 मार्च 2020 को मनपा ने इस सर्कस को बंद करवा दिया था.

85 लोग लौट गए अपने गांव 

सर्कस में विगत 20 साल से तौर मुख्य जोकर काम कर रहे. सरकार विजू ने नवभारत को बताया कि लॉकडाउन के शिथिल होने पर इस सर्कस से जुड़े 85 कलाकार व कर्मचारी अपने अपने गांव लौट गए हैं. बाकी के बचे लोगों को दो वक्त का भोजन व चाय-नाश्ता शिवसेना के नेता विजय चौगुले के मार्गदर्शन में समाजसेवक सुरेश भिलारे और उनके सहयोगी मुहैया करा रहे हैं. इसके अलावा एनसीपी के नेता छगन भुजबल की ओर से भी राशन मिला था. मनपा और पुलिस भी हमें सहयोग कर रही है. जिसकी बदौलत भोजन और पानी मिल रहा है.

हार्ट अटैक से कलाकार की मौत

रैंबो सर्कस में काम करने वाले 67 साल के रामचंद्र पौडल कि शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से ऐरोली में देहांत हो गया. जिनकी 2 बेटियां भी इस सर्कस में काम करती है. उनके पिता का अंतिम संस्कार कराने के लिए शिवसेना के नेता विजय चौगुले ने एंबुलेंस उपलब्ध कराया. वहीं समाजसेवक सुरेश भिलारे ने अपने सहयोगी मनोज हलदनकर, राजू पाटिल और रेवेंद्र पाटिल के सहयोग से पौडल का अंतिम संस्कार कराया.पौडल की मौत से सर्कस के सभी कलाकार बहुत व्यथित हैं.