Maharashtra government will soon bring a new textile policy, Aslam Shaikh said this about the development of powerloom sector
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भिवंडी. 2020 की अंतिम बेला पर समूचे वर्ष (Whole Year) के इतिहास को याद कर शरीर में कम्पन और दिल बैठने लगता है। वर्ष की शुरुआत से ही देश में आई कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Epidemic) ने लोगों के अमन चैन और खुशहाली को ग्रहण लगा दिया। एक अदृश्य वायरस (Virus) ने देश की अर्थव्यवस्था पलट कर रख दी। कोरोना वायरस ने समूचे देश के नागरिकों को ‘स्वास्थ्य ही धन है का पाठ’ पढ़ा दिया। वैश्विक महामारी के कारण प्रतिवर्ष मनाया जाने वाले सभी धार्मिक त्योहार महामारी की भेंट चढ़ गया। मंदिर-मस्जिद में भी ताला लग गया। लोग ईश्वर, अल्लाह के दर्शन को भी तरस गए। भिवंडी पावरलूम नगरी में समूचा रोजगार परक उद्योग पूर्णतया बंद होने से लाखों की संख्या में असंगठित गरीब मजदूर रेल सेवा बंद होने से पैदल, साइकिल, ऑटो रिक्शा, ट्रक से अपने गांव पलायन किए और जो शेष रहे वे घरों में दुबक कर रहे। 

भिवंडी शहर (Bhiwandi City) और ग्रामीण (Bhiwandi Rural Part)  भाग में करीब 15 हजार लोगों को कोरोना संक्रमण (Corona Infection) हुआ। जिसमें अधिसंख्यक चिकित्सकीय उपचार से स्वस्थ होकर घर लौटे और करीब 1000 से अधिक महामारी की चपेट में आकर जान गंवाई है। सुखद है कि विगत 2 माह से कोरोना महामारी पर अंकुश लगा है और लोग बाहर निकलकर कामकाज में जुट गए हैं। शहर में चारों ओर चहलपहल बढ़ रही है जो नववर्ष 2021 में शुभ संकेत माना जा रहा है। ‘भिवंडीकर’ नए वर्ष में महामारी के खात्मे के लिए  वैक्सीन आने की प्रतीक्षा में है।

लोग पैदल ही अपने गांव की ओर चल पड़े

A virus pushed the world textile Manchester Bhiwandi back many years labour

गौरतलब हो कि 2020 की शुरुआत में ही चीन से आए कोरोना वायरस ने जब पावरलूम नगरी भिवंडी शहर में दस्तक दी तो लोगों को यकीन नहीं था कि अदृश्य वायरस सब को बेहाल कर देगा। 25 मार्च से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए की गई लॉकडाउन की घोषणा के उपरांत पावरलूम नगरी पूर्णतया ठप होकर रह गई। लॉकडाउन की वजह से रोजगार बंद होने से लाखों लोग पैदल, ट्रक, ऑटो रिक्शा, साइकिल आदि वाहनों से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तेलंगाना,आंध्र, गुजरात आदि प्रदेश पलायन कर गए। गर्मी से बेहाल अपने गांव पैदल गए दर्जनों गरीब मजदूर सड़क हादसे में दुर्घटनाग्रस्त होकर जान भी गवां बैठे।

उद्योग बंद होने से लोग हुए भुखमरी के शिकार

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कोरोना संक्रमण के हालात में हुए लाकडाउन के कारण भिवंडी शहर में लाखों गरीब मजदूर भोजन न मिलने से कई दिनों तक भुखमरी के शिकार हुए। स्वयंसेवी संगठनों, पुलिस प्रशासन, मनपा प्रशासन द्वारा गरीब मजदूरों को भोजन मुहैया कराया गया। 

शहर के कई लोगों ने गंवाई जान

कोरोना वायरस की चपेट में आकर शहर के शिक्षण महर्षि महादेव चौगुले उनकी पत्नी, भाई सहित परिवार के 3 लोगों की जान गई। शहर के उद्योगपति कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हबीब अंसारी, उद्योगपति महेंद्र कोठारी भी महामारी की चपेट में आकर जान गवां बैठे। एडवोकेट अभय लदगे, समाजसेवी वगल और शहर की प्रसिद्ध मिष्ठान प्रतिष्ठान गुरुदेव के मालिक अशोक सूचक पत्नी सहित परलोक सिधार गए।

मनपा प्रशासन और पुलिस विभाग की सक्रियता से भिवंडी हुई कोरोना मुक्त

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भिवंडी शहर में नवम्बर माह से कोरोना संक्रमण प्रसार की चेन लगभग कमजोर हो गई। मनपा कमिश्नर पंकज आशिया और तत्कालीन पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे की सुनियोजित कार्यप्रणाली से कोरोना प्रसार पर अंकुश लग चुका है। शहरवासी मास्क,सोशल डिस्टेंसिग सहित शासन के निर्देशों का जीवन सुरक्षा के लिए कड़ाई से पालन करते देखे जाते हैं।

कोरोना काल में अपराध का ग्राफ घटा

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कोरोना संकटकाल में अधिसंख्य लोग स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर घरों में रहे। लॉकडाउन के कारण कारखाना, रोजगार परक प्रतिष्ठान बंद रहे। 2020 के वर्ष में शहर में अपराध बेहद कम दर्ज किया गया। 

थाली, ताली, दीपोत्सव का साक्षी  2020 

वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल  वर्ष 2020 थाली ताली दीपोत्सव का साक्षी रहा। लाखों लोगों ने तालियां, थाली, दीपोत्सव कर एकजुटता दिखाते हुए महामारी का सामना किया।

नव वर्ष-2021 का अभिनंदन

कोरोना वर्ष 2020 के समापन और नई आस के साथ नववर्ष 2021 अभिनंदन शुरू हो चुका है। लोगों को आशा है कि नव वर्ष हेल्थ और वेल्थ दोनों को सुरक्षित रखेगा।