Workers start going to village from Bhiwandi, know the reason

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    भिवंडी. भिवंडी पद्मानगर पावरलूम व्हिवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पुरुषोत्तम बंगा, मलेशम कोंका,  विष्णु डावखरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को पत्र (Letter) भेजकर ‘ब्रेक द चैन’ लॉकडाउन (Lockdown) में पावरलूम उद्योग (Powerloom Industry) को शुरु रखने की गुहार की है।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे गए ज्ञापन में भिवंडी पद्मानगर पावरलूम व्हिवर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हुए एक महीने बीत गए हैं। भिवंडी में करीब 6 लाख पावरलूम मशीनों पर करीब साढे़ तीन लाख पावरलूम मजदूर काम करते है। कोरोना के दूसरे दौर में लॉकडाउन घोषित करने के बाद रोजगार बन्द होने से करीब पौने दो लाख प्रवासी मजदूर गांव वापस चले गए। 

    मजदूरों की कमी के कारण 60% कारखाने बंद

    भिवंडी में मजदूरों की कमी के कारण 60% कारखाने बंद हो गए है और 40% कारखानों में ताला लग गया है। 14 अप्रैल 2021 को घोषित किए गए ब्रेक द चैन लॉकडाउन में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पावरलूम उद्योग को किस कैटेगरी में रखा गया है। पावरलूम मालिक पशोपेश की स्थिति में  शासन प्रशासन की तरफ देख कर  परेशान है। भिवंडी में मनपा व पुलिस प्रशासन की तरफ से पावरलूम बन्दी का इशारा किया गया है, जिससे पावरलूम मालिकों में घबराहट फैल गई है।

    केंद्र और राज्य सरकार से नहीं मिली थी मदद

    संस्था के पदाधिकारियों ने बताया है कि यदि पावरलूम उद्योग बंद हुआ तो बचे खुचे प्रवासी मजदूर भी अपने गांव चले जाएंगे और 6 महीने तक फिर से पावरलूम उद्योग शुरू नहीं हो पाएगा। एक साल पहले लगे पूर्ण लॉकडाउन में उद्योग पूरी तरह से 6 महीने बंद रहा जिसमें पावरलूम मालिकों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। 80%  से अधिक पावरलूम मालिक ब्याज और कर्ज के बोझ में दबकर पूरी तरह से टूट चुके हैं। पिछले लॉकडाउन में उद्योग के बंद होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पावरलूम उद्योग को किसी प्रकार की मदद नहीं दी गई। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर पावरलूम उद्योग को लॉकडाउन में बंद से बाहर रखा जाए।

    सपा विधायक शेख ने सीएम को लिखा पत्र 

    भिवंडी पूर्व से समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर पावरलूम उद्योग को चालू रखने की सिफारिश की है। विधायक रईस शेख ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को लिखा है कि भिवंडी के पावरलूम उद्योग में सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पूरी तरह पालन होता है। एक हजार स्क्वायर फीट की जगह के बीच में केवल 2 मजदूर काम करते हैं और मजदूर कारखाने में ही रहते हैं, उनका बाहर आना जाना नहीं होता है। मजदूर पूरी तरह से कोरोना रोग के लिए शासन द्वारा जारी सभी नियमों को मास्क लगाना, हाथ को सैनिटाइज करना तथा हाथ को साबुन से धूलना जैसे नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं इसलिए पावरलूम उद्योग को बंद न किया जाए।