ठाणे जिले में कहीं खुले तो कहीं बंद रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान

  • ऑटो रिक्शा, बस और अन्य वाहन सेवाओं पर नहीं पड़ा असर

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ठाणे. केंद्र सरकार के किसान बिल के विरोध में मंगलवार को किसानों द्वारा रखे गए भारत बंद आंदोलन (Bharat Bandh) का ठाणे में मिला जुला असर देखने को मिला। शहर में कई इलाकों में दुकानें, मार्केट और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे और कुछ स्थानों पर खुले थे। लेकिन बसें, ऑटो रिक्शा सहित अन्य वाहनों का आवागमन सामान्य तरीके से शुरू रहे। बंद को देखते हुए शहर में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त रखा गया था। बंद के दौरान प्रदर्शन कर रहे कुछ कांग्रेसी युवा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया, लेकिन बाद में छोड़ दिया। 

ठाणे में राकां, कांग्रेस, वंचित बहुजन आघाड़ी, भारतीय जयहिन्द पार्टी की तरफ से प्रदर्शन आंदोलन किया गया। राकां विधायक राज्य के गृह निर्माण राज्यमंत्री जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे के नेतृत्व में प्रदेश सचिव नगरसेवक सुहास देसाई की उपस्थिति में राकांपा की तरफ से जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष हल और ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन किया गया। 

इस दौरान नए कानून को रद्द करने की  मांग करते हुए कृषि विधेयक की प्रति की होली जलाई गयी। आंदोलन की बिशेष बात यह थी कि पंजाब से आया लकी सिंह गिल नामक किसान भी इसमें मौजूद था। 

परांजपे के मुताबिक नया कृषि कानून लागू होने पर किसान निवेशकों और कारपोरेट घरानों के चंगुल में चला जाएगा। पुलिस ने परांजपे सहित कुछ आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया था। माजीवाड़ा परिसर में एडवोकेट सतनाम सिंह की उपस्थिति में सिख समुदाय की तरफ से मानवीय चैन बनाकर निषेध जताया गया।  ठाणे कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण के नेतृत्व में ठाणे के 12 ब्लाकों में आंदोलन किया गया। 

मुंब्रा में राकांपा के नेतृत्व में प्रदर्शन 

मुंब्रा में राकांपा नगरसेवक शानू पठान और शमीम खान के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र कांग्रेस ओबीसी सेल, बहुजन रिपब्लिक सोशलिस्ट पार्टी, महाराष्ट्र कर्मचारी यूनियन, जयभीम आर्मी तथा शेतकरी संगठन की तरफ से ठाणे स्टेशन परिसर में स्थित डॉक्टर बाबासाहब आंबेडकर के पुतले के पास निषेध आंदोलन किया गया। 

ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर हुआ रास्ता रोको आंदोलन

वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) के मार्गदर्शन में ठाणे शहर में राजभाऊ चव्हाण के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। स्टेशन परिसर में आघाड़ी की तरफ से दुकानों को बंद कराने की कोशिश की गयी परिणामस्वरूप पुलिस ने आघाड़ी के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। भारतीय जयहिन्द पार्टी की तरफ से ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे में रास्ता रोको किया गया। 

बदलापुर व वांगणी भी रहा बंद 

भारत बंद का प्रभाव वांगणी में भी देखने को मिला। किसानों को समर्थन देने के लिए शिवसेना, कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस ने बंद का आयोजन कर किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। 

शहर में महाविकास आघाड़ी ने एक बंद को सफल बनाया। राकां के महाराष्ट्र  राज्य सचिव कालीदास देशमुख, शिवसेना शहर प्रमुख वामन म्हात्रे, राष्ट्रीय कांग्रेस बदलापुर शहर के अध्यक्ष प्रकाश घोलप, पूर्व नपा अध्यक्ष जयप्रकाश टांकसालकर और वंचित आघाडी के शहर अध्यक्ष दिलीप पवार आदि खुद अपने समर्थकों के साथ बाजारों में घूमे व बंद को कामयाब बनाया। 

उल्हासनगर में शांतिपूर्ण रहा बंद 

उल्हासनगर केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में व किसानों के समर्थन में शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में  आयोजित ‘भारत बंद’ का असर शहर में दिखाई दिया। बाजार की दुकानें बंद रही व सड़कें वीरान। बंद शांतिपूर्ण रहा। पर इसमें कुछ देर के लिए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राधाचरन करोतिया सहित अन्य पदाधिकारियों को कुछ देर पुलिस ने पुलिस थाने में बिठाकर रखा। 

उल्हासनगर शहर शिवसेना के शहर प्रमुख राजेंद्र चौधरी अपने अन्य पदाधिकारियों व शिवसैनिकों के साथ स्वंय बाजार पहुंचे, व्यापारियों ने महाविकास आघाड़ी के बंद के आह्वान का सम्मान कर बाजार बंद रखे।

कल्याण में केंद्र के खिलाफ नारेबाजी 

उधर, कल्याण में भी देश व्यापी बंद का असर रहा और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने जिला अध्यक्ष जगन्नाथ अप्पा शिंदे के मार्गदर्शन में कल्याण पूर्व चक्कीनाका पर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए 3 नये कृषि कानून को काला कानून बताते हुए कृषि कानून का कड़ा विरोध किया गया.

उक्त तीनों कानून रद्द करने की मांग की केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को किसान, मजदूर, आम नागरिकों की विरोधी और अंबानी, अडानी जैसे पूंजीपतियों की हितैसी सरकार बताया। राकां के अलावा कांग्रेस शिवसेना, रिपाई, भीमसेना आदि राजनीतिकों दलों ने भी किया किसान आंदोलन एवं बंद का समर्थन किया।