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नवी मुंबई. शहर बसाने वाली सिडको ने नवी मुंबई सिटी के विकास के साथ ही जलापूर्ति की महत्वाकाक्षी योजना तैयार की जिसके तहत 4 बांधों से नियमित वॉटर सप्लाई का प्लान तैयार किया गया. इनमें हेटवणे, मोरबे, कोंढाणे और बालगंगा डैम से जल आपूर्ति योजनाओं का प्लान तैयार किया गया था. इसके जरिए सिडको नोड्स / टाउनशिप एरिया और गांव सभी इलाकों में पानी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध संसाधनों के उपयोग के अनुसार परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया.

शुरुआत में सिडको ने मोरबे डैम को वाशी, नेरुल, कोपरखैरणे, सानपाड़ा, सीबीडी बेलापुर, ऐरोली और घनसोली के साथ-साथ स्थानीय गांवों में पानी की आपूर्ति के लिए एक जल स्रोत के रूप में योजना बनाई. हालांकि  नवी मुंबई मनपा के अस्तित्व में आने के बाद मोरबे डैम को नवी मुंबई महानगर पालिका का हस्तांतरित कर दिया गया. फिलहाल नवी मुंबई के लिए महानगर पालिका मोरबे डैम  से पानी की सप्लाई करती है. जबकि सिडको द्वारा विकसित जोन में हेटवणे डैम से पानी की सप्लाई होती है.

पनवेल मनपा क्षेत्र में 168 MLD पानी सप्लाई

प्रारंभिक दौर से ही सिडको ने पातालगंगा योजना को एक सुनिश्चित जलापूर्ति स्रोत के रूप में चिन्हित किया था. जिसके माध्यम से नवीन पनवेल पूर्व एवं पश्चिमष कलंबोली, कालुंद्रे, करंजाड़े,समेत सिडको नोड और ग्रामीण इलाकों को पानी सप्लाई करने का लक्ष्य था. इसके लिए सिडको ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण को भुगतान भी किया. इसके पश्चात पातालगंगा जलापूर्ति योजना अस्तित्व में आयी. इसका उद्देश्य मुख्य रुप से सिडको इलाके में जलापूर्ति करना था. बहरहाल बढ़ते शहरीकरण के कारण पनवेल मनपा क्षेत्र में पानी की जरूरतों में वृद्धि हुई. 

न्यू पनवेल, खारघर, कामोठे, कलंबोली, नावढ़े एवं तलोजा आदि क्षेत्रों के साथ ही 26 गांवों में पानी की जरूरत बढ़ी. बता दें कि इन क्षेत्रों में एमजेपी, एनएमएमसी, एमआईडीसी, एवं सिडको की जलापूर्ति योजना क्रियान्वित है. वर्तमान में सिडको द्वारा पनवेल महानगर पालिका क्षेत्र में 168 एमएलडी पानी सप्लाई करती है. इनमें 1.5 एमएलडी कालुंद्रे के लिए, 5 एमएलडी तलोजा में, 63 एमएलडी खारघर में, 26 एमएलडी कलंबोली में और 1.5 एमएलडी नावढ़े तथा 35 एमएलडी कामोठे और 35 एमएलडी पनवेल क्षेत्र में पानी सप्लाई होती है. फिलहाल सिडको के पास इससे अधिक जलापूर्ति की क्षमता नहीं है जो पनवेल मनपा क्षेत्रों में की जा सके.

नैना क्षेत्र और गांवों में वॉटर सप्लाई पर जोर

नवी मुंबई इन्टरनेशनल एय़रपोर्ट प्रभावित क्षेत्र नैना के विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार ने विशेष योजना तैयार की है. नैना क्षेत्र में कुल 224 गांवों का समावेश है. फिलहाल नैना के पहले चरण का विकास शुरू है. सरकार ने 23 गांवों के विकास के लिए अंतरिम विकास प्रारूप मंजूर किया है. माना जा रहा है कि इन इलाकों में विकास और रोजगार की भारी संभवनाएं हैं. इसे वर्ष 2034 तक विकसित करने का लक्ष्य है. फिलहाल राज्य सरकार ने कोंढाणे डैम को आंशिक तौर पर सिडको क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए विकसित किया है. इससे नैना क्षेत्र में पानी की सप्लाई सुनिश्चित हो सकेगी.व

र्तमान में कई परमिशन की जरूरत है जिसके बाद डैम के सम्पूर्ण विकास का काम पूरा हो सकेगा.इस प्रोजेक्ट को अमल में लाने कोंढणा वाटर सप्लाई योजना तैयार की गयी जहां से सिडको के जरिए नैना इलाके में पानी की सप्लाई की जाएगी.  फिलहाल सिडको ने बढ़ते शहरीकरण और पानी की जरूरतों को देखते हुए पातालगंगा बांध के विस्तार के साथ ही नए जल स्रोत के तौर पर कोंढणा और बालगंगा बांध को विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है. इन तीनों जलस्रोतों को विकसित कर सिडको नैना और नवी मंबई प्रोजेक्ट क्षेत्र में पानी आपूर्ति की समस्या का समाधान करना चाहती है.

310 एमएलडी की जरूरत, 120 MLD की अतिरिक्त मांग

फिलहाला सिडको हेटवणे डैम से मिल रहे 150 एमएलडी पानी पर निर्भर है. सिडको ने 120 एमएलडी और पानी की मांग की है. इससे सिडको जोन में कुल 270 एमएलडी सप्लाई होगी इसके साथ ही 40 एमएलडी पानी सिर्फ गांवों के लिए चाहिए.यानी टोटल कोटा 310 एमएलडी है जिसे राज्य सरकार के पास भेजा गया है. वहीं डैम की ऊंचाई बढ़ाकर जल भंडारण क्षमता बढ़ाने की भी तैयारी है. नैना और आस पास के इलाकों की पानी की जरूरतों को पूरा करने सरकार ने  कोंढणा डैम सिडको को हैंडओवर करने की योजना में है. सिडको ने इसके लिए प्रशासकीय प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है.

कोंढणे डैम के हस्तांतरण के लिए सलाहकार नियुक्त

कर्जत तहसील में स्थित कोंढाणे डैम के लिए सिडको ने विस्तृत प्रस्ताव  तैयार करने सलाहकार की भी नियुक्ति कर ली है.जिसकी जिम्मेदारी कोंढणा डैम का सर्वे, डिजाईन, ड्राविंग, प्लान और इस्टीमेट तैयार करना है.250 एमएलडी क्षमता वाले कोंढाणे वाटर सप्लाई  योजना को अमल में लाने कन्सल्टेंसी सर्विस के जरिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है उसमें विस्तृत सर्वेक्षण, हाइड्रोलिक, स्ट्रक्चरल एवं इलेक्ट्रो मकैनिकल डिजाईन का काम भी शाममिल है. फिलहाल यह काम टेंडरिंग प्रक्रिया के दौर में है.

बालगंगा डैम के विकास की तैयारी

राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में बालगंगा डैम सिडको को हस्तांतरित किया था. इसके तहत केआईडीसी को डैम वर्क शुरू करने का भी निर्देश दिया था. 350 एमएलडी क्षमता वाले बालगंगा डैम से जलापूर्ति योजना को सुनिश्चित करने सिडको ने पूरी तैयारी कर ली है. इससे सिडको अपने विकासशील जोन में भी आसानी से पानी सप्लाई करने में सक्षम होगी. जाहिर है सिडको की जलापूर्ति योजनाएं एमएमआर रीजन में निवास कर रहे और विकसित जोन की प्यास बुझाने के लिए बड़ा जरिया बनेंगे.