बिजली बिल माफ करने की मांग पर ज्ञापन देने की होड़

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जलगांव. राज्य में व्यापार उद्यम और उस पर आश्रित सभी लोगों की माली हालात खस्ता होने की वर्तमान स्थिति को देखते हुए लाक डाउन काल का पूरा बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर सामाजिक संगठन तथा राजनीतिक दलों में बिजली विभाग को ज्ञापन देने की होड़ लगी है.गौरतलब है कि विगत महीने से बिजली विभाग की ओर से  ग्राहकों को बढ़े हुए बिल दिए जाने की शिकायतें हैं. राज्य में बिजली विभाग द्वारा ग्राहकों को बिजली के उपभोग का यूनिट इकाई में बिल दिया जाता है. जितना ज्यादा यूनिट इस्तेमाल होगा. हर सौ यूनिट के बाद एक यूनिट की दर (रेट) बढ़ती रहेगी. जैसे पहले सौ यूनिट पर प्रत्येक यूनिट पर 3 रुपये 36 पैसे की दर से शुल्क होगा, सौ के बाद 3 सौ यूनिट के लिए यही शुल्क हर यूनिट के लिए होगा 6 रुपये 5 पैसा, 3 सौं के बाद  5 सौ यूनिट तक ये शुल्क बढ़के होगा. 7 रुपये 92 पैसा, उसके बाद 1 हजार यूनिट तक 8 रुपये 78 पैसा औऱ हजार के ऊपर 9 रुपये 50 पैसे हो जाएगा.

बिजली विभाग के फार्मूले को लेकर लोग परेशान

बिजली विभाग ने जाने कौन से फार्मूले का इस्तेमाल कर रहा है कि हर बिजली ग्राहक को ज्यादा बिल आने की शिकायत हो गई है. समाज का हर घटक, छोटे मोटे संगठनों से लेकर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता आए दिन बिजली कार्यालय पहुंच रहे हैं. कुछ संगठन तहसीलदार कार्यालय भी जाकर ज्ञापन सौंप रहे हैं. हाल ही में भाजपा के कार्यकर्ता साक्री उपखंड बिजली कार्यालय पहुंचे और उन्होंने उपसंभागीय अभियंता प्रशांत ढवले को कोरोना लाक डाउन काल का बिजली बिल पूरा माफ करने की मांग की है. भाजपा के तालुकाध्यक्ष वेडू सोनवणे, शैलेंद्र आजगे, विजय भोंसले, दीपक कोठावदे, रंगनाथ भवरे, कल्याण भोंसले, नन्दरे, मनीष गीते, विजय सोनवणे आदि कार्यकर्ता अभियंता से मिले और उनको ज्ञापन दिया. 

सुधार कर बिल देने की मांग

ज्ञापन में प्रधानमंत्री द्वारा 80 करोड़ जनसंख्या को मुफ्त में अनाज का लाभ दिया जा रहा है, राज्य शासन भी उसी का अनुसरण करने की सलाह भी दी गई है. इसी तरह प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना के कार्यकर्ता श्रीकांत कार्ले, उज्ज्वल अग्निहोत्री, हेमंत पवार, शिवाजी देवरे, अनिल देसले, कैलाश वाघ, पवनसिंग परदेशी ने अपने ज्ञापन में बढ़े हुए बिल के एवज में सुधार बिल को देने की मांग की है.