Out of 61 reports sent to Pune, 24 patients were negative

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  • शुक्रवार को एक नहीं मिले मरीज 
  • मनपा प्रशासन के अधिकारियों की मेहनत लाई रंग 

ठाणे. ठाणे में कोरोना के प्रसार के समय मुंब्रा-कौसा को लेकर कई तरह के साल खड़े किए जा रहे थे. इस तरह की भी चर्चाएं हो रही थी कि मुंब्रा-कौसा में कोरोना विरोधी उपाय योजना को सफलता नहीं मिलेगी, लेकिन मनपा कमिश्नर डॉ विपिन शर्मा के मार्गदर्शन और उपायुक्त महेश आहेर के नेतृत्व में अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से कोरोना शिखर से शून्य तक पहुंच गया है. और शुक्रवार को यहां पर एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिले है. जोकि यहां के स्थानीय नागरिकों ने ख़ुशी का माहौल देखा जा रहा है. 

गौरतलब है कि मार्च महीने में वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल के बाद ठाणे मनपा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पहले कलवा और फिर मुंब्रा इसका हॉटस्पॉट बन गया था. आलम यह था कि 2 महीने पूर्व यहां पर सबसे अधिक कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे थे. मृतकों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई थी, लेकिन अब यहां पर शून्य तक पहुंचना किसी भी युद्ध से कम नहीं माना जा रहा है. हालांकि इसमें यहां के स्थानीय नागरिकों की इच्छा शक्ति के सामने मुंब्रा-कौसा में कोरोना का प्रसार कम हुआ. खासकर स्थानीय विधायक जितेंद्र आव्हाड के निजी प्रयास और स्थानीय जनप्रतिधियों के सहयोग और एनसीपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के समर्पण के कारण यहां कोरोना बीमारी पराजित हो गया नजर आ रहा है. 

2391 लोगों का किया गया एंटीजन टेस्ट 

मनपा सूत्रों की माने तो अब तक मुंब्रा-कौसा में मोबाइल सर्वे द्वारा 03 जुलाई से 6 अगस्त 2020 तक कुल एक लाख 60 हजार 894 नागरिकों का डाटा एकत्रित किया गया है, जबकि एंटीजन टेस्ट के माध्यम से करीब 2391 लोगों का टेस्ट किया गया है. जिसमें अब तक सिर्फ 9 लोग पॉजिटिव पाए गए है. जबकि 2334 लोग निगेटिव और 38 टेस्ट इन वैलिड पाया गया है. वहीँ जीरो मिशन फीवर वैन ओपीडी के माध्यम से 14 जुलाई से 7 अगस्ता तक कुल 189 लोगों का टेस्ट हुआ और 14 लोग कोरोना से संदिग्ध मरीज पाए गए है.    

कोरोना से ठीक होने के बाद खुद स्थानीय विधायक ने दिया ध्यान 

वैसे यहां के नागरिकों की माने तो यहां के स्थानीय विधायक और राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड खुद लोगों की सेवा करते हुए कोरोना से संक्रमित हो गए थे. तक़रीबन 25 दिनों तक जीवन और मौत के बीच जूझते हुए वे अस्पताल से ठीक होकर आए और इसके बाद उन्होंने खुद इस परिसर में लक्ष्य देना शुरू किया. जिसका नतीजा आज सामने दिखाई दे रहा है. 

हर लोगों ने की मदद

 मुंब्रा रहिवासियों का कहना है कि स्थानीय विधायक और मंत्री जितेंद्र आव्हाड, कमिश्नर डॉ विपिन शर्मा के मार्गदर्शन में उपायुक्त महेश आहेर ने मनपा प्रशासन के तमाम विभागों के साथ समन्वय बनाकर किये गए साफ-सफाई कर्मियों के योगदान को भी नहीं नकारा जा सकता है. खासकर सेवभावी संस्थाओं ने कोरोना संक्रमण के समय स्थानीय नागरिकों की हर संभव मदद की थी. लॉकडाउन में भी यहां लोगों को भूखे रहने की नौबत नहीं आई.

नागरिकों ने भरपूर सहयोग दिया

मुंब्रा-कलवा के एनसीपी अध्यक्ष शमीम खान का कहना है कि शुरुआती दौर में कोरोना को लेकर मुंब्रा-कौसा में भय का वातावरण था, लेकिन सरकार और स्थानीय मनपा प्रशासन की उपाय योजना में स्थानीय नागरिकों ने भरपूर सहयोग दिया. जिस कारण कम समय में ही यहां कोरोना को रोकने में सफलता मिल पाई है. पहले तो 25 से 50 की संख्या में प्रतिदिन कोरोना रोगी यहां मिल रहे थे, लेकिन अब तो एक भी नहीं मिल रहे हैं. सबसे खुशी की बात रही थी कि कोरोना कहर के बीच मनपा के प्रभाग समिति अधिकारियों और स्थानीय नगरसेवकों के बीच बेहतर समन्वय बना रहा. जो काफी कारगर साबित हुआ. मुंब्रा प्रभाग समिति की अध्यक्षा आशरीन राऊत का कहना है कि मुंब्रा प्रभाग समिति के तमाम अधिकारी, दमकल विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही साफ-सफाई कर्मियों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए मुंब्रा-कौसा में कोरोना प्रसार को रोकने हर संभव कोशिश की.

पुलिस का भी बड़ा योगदान

लॉकडाउन के दौरान मुंब्रा पुलिस के योगदानों को भी नहीं नकारा जा सकता है. दिन-रात पुलिस लॉकडाउन का पालन करवाने में व्यस्त रही थी. वैसे कोरोना संक्रमण के समय स्थानीय मुंब्रा पुलिस स्टेशन के अधिकारी और पुलिस भी इस रोग की चपेट मे आए. इसके बाद भी मुंब्रा-कौसा को कोरोनामुक्त करने में वे जुटे रहे. 

राज्य के गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र अव्हाड और मनपा कमिश्नर डॉ विपिन शर्मा के नेतृत्व और मार्गदर्शन में यहां पर सरकार द्वारा गाइडलाइन का पालन कर संक्रमण को कम करने के लिए अनेकों उपाय योजनाएं की गई और इसी के कारण ही वे मुंब्रा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में कोरोना के संक्रमण को काम करने में वे सफल हो पाए है. स्थानीय स्तर पर नागरिकों ने इमानदारी के साथ लॉकडाउन के दिशा-निर्देश का पालन किया. जिस कारण कम समय में ही यहां कोरोना पर काबू पा लिया गया है, लेकिन अभी भी इसका खतरा बना हुआ है. इसलिए फीवर क्लिनिक सेंटर और एंटीजन टेस्ट के माध्यम से जांच लगातार किया जा रहा है. 

-महेश आहेर, प्रभारी उपायुक्त, परिमंडल-एक, मुंब्रा-दिवा प्रभाग समिति 

 

  • मोबाइल ऐप द्वारा सर्वे की संख्या-160894 
  • जीरो मिशन फीवर वैन ओपीडी – कुल टेस्ट-189, संदिघ्ध मरीजों की संख्या-14  
  • एन्टीजन टेस्ट 16 जुलाई से 07 अगस्त तक 
  • कुल टेस्ट-2391 
  • कुल मिले पॉजिटिव टेस्ट- 09 
  • कुल निगेटिव टेस्ट -2334 
  • इनवैलिड टेस्ट-38

पिछले 10 दिनों में मुंब्रा में कोरोना मरीजों की संख्या 

27 जुलाई-03
28 जुलाई-02
29 जुलाई-05
30 जुलाई-04
31 जुलाई-05 
01 अगस्त-12 
02 अगस्त-13 
03 अगस्त-14 
04 अगस्त-09 
05 अगस्त-01 
06 अगस्त-04 
07 अगस्त-00