शवदाहिनी नहीं, कोविड अस्पताल चाहिए :  MNS

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उल्हासनगर. मनपा के सभागृह नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा था कि पालकमंत्री एकनाथ शिंदे के माध्यम से शहर के कोविड मरीजों के लिए 7 करोड़ रुपए के फंड से उल्हासनगर शहर के सभी समशान भूमियों में डीजल शवदाहिनी स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं, इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मनसे के शहरप्रमुख ने लिखा कि मृत्यु के बाद दाह संस्कार की व्यवस्था करने के बजाए, एक आधुनिक सुविधायुक्त कोविड अस्पताल बनाया जाए जिसकी आज जरूरत है.

उल्हासनगर शहर में चार श्मशान भूमि हैं, जिनमें आज भी लकड़ी का उपयोग कर शव का दाह संस्कार किया जाता है. कंगाल उल्हासनगर मनपा को कोविड के उपायों के लिए सरकार से 7 करोड़ रुपए मिले हैं. शिवसेना के शहर प्रमुख एवं मनपा के सभागृह नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि इस फंड के जरिए सभी श्मशानों में डीजल शवदाहिनी स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.

इस पोस्ट की मनसे ने कड़ी आलोचना की है, मनसे के शहराध्यक्ष बंधु देशमुख ने कहा कि उल्हासनगर में कोरोना के रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, कोरोना के रोगियों के लिए ऑक्सीजन और वेंटिलेटर उपलब्ध होना मुश्किल हो गया है, ऐसे में क्या शहर को अभी डीजल शवदाहिनी की आवश्यकता है. आज की स्थिति में शहर के लोगों को बचाने की कोशिश की जानी चाहिए जो हर दिन मर रहे है, उन्होंने कहा कि शहर की मृत्यु दर में तेजी आई है और हमारे नेता इस पर ध्यान देने के बजाय इसे जलाने की व्यवस्था कर रहे हैं.