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    ठाणे. एक वर्ष से वैश्विक कोरोना महामारी ने जहां दस्तक दे रखी है और अब वह जाने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस बीमारी के डर से अन्य बीमारियां भाग खड़ी हुई है। जी हां, कोविड की इस महामारी के बीच डेंगू (Dengue) और मलेरिया (Malaria) जैसे जानलेवा बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या वर्ष 2020 और इस वर्ष के जनवरी और फरवरी माह में घटी (Reduced) है। बहरहाल, 2019 जहां डेंगू के 328 और मलेरिया के 636 इस प्रकार कुल मिलाकर 964 मरीज (Patients) पाए गए थे, वहीं वर्ष 2020 में पूरे वर्ष में सिर्फ 378 मरीज पाए गए। जिसमें  डेंगू के 79 और मलेरिया ले 299 मरीजों का समावेश है। जबकि इस वर्ष अर्थात जनवरी और फरवरी महीने में डेंगू के मात्र दो और मलेरिया के सिर्फ 10 मरीज अब तक मिल चुके है।

    ज्ञात हो कि जैसे ही बरसात थोड़ा कम हुआ और ठंडी शुरू होते ही डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में प्रतिवर्ष वृद्धि देखी जाती है, लेकिन वर्ष 2020 में जब से कोरोना ने दस्तक दिया है तब से इन बीमारियों में कमी आई है। साथ मच्छरों का प्रादुर्भाव भी कम नजर आ रहा है।  

    कराया गया सर्वे

    एकतरफ जहां मनपा स्वास्थ्य विभाग कोरोना जैसे वैश्विक महामारी से लड़ रहा है, वहीं अन्य बीमारियों के लिए रोकथाम के लिए भी प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र निहाय 100 लोगों का एक पथक बनाया है और इनके द्वारा अब तक करीब एक लाख घरों का सर्वेक्षण भी कराया है। इस सर्वेक्षण के दौरान बुखार, सर्दी, खांसी सहित मलेरिया, लेप्टो, डेंग्यू इन बीमारियों का भी सर्वे कराया है। जिसमें 27 हजार घरों में दवाओं का छिड़काव किया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक प्रभाग में, रहिवासी परिसर का निर्जंतुकीकरण भी किया गया। मनपा के इस मुहिम का ठाणे करों ने भी बखूबी सहयोग दिया। उक्त जानकारी देते हुए मनपा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजू मुरुडकर ने दावा किया कि मनपा प्रशासन के इस अभिन्न कार्य के चलते ही वर्ष 2020 में डेंगू और मलेरिया जैसे बीमारी को कम करने में स्वास्थ्य विभाग सफल हो पाई। 

    कंस्ट्रक्शन का काम बन्द होने से भी कम हुई बीमारी

    मनपा प्रशासन का मानना है कि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लग गया था जिसके कारण तकरीबन 5 से 6 महीने बिल्डिंग का निर्माण कार्य बन्द था और कंस्ट्रक्शन साइट पर भी गंदगी और पानी का जमाव कम हुआ। यही कारण इस बार डेंगू और मलेरिया को फैलाने वाले मच्छरों के प्रादुर्भाव कम हुआ। 

    चार वर्षों में पहली बार इन बीमारियों पर स्वास्थ्य विभाग पाया काबू

    मनपा के मुख्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. राजू मुरुडकर ने बताया कि वैश्विक महामारी के बीच पहली बार मनपा प्रशासन भी डेंगू और मलेरिया पर चार वर्षो में अंकुश लगा पाई है। यदि आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2017 में जहां डेंगू और मलेरिया के कुल 1464 मरीज पाए गए थे वहीं वर्ष 2020 में यह संख्या घटकर 378 पर पहुंच गई। मुरुडकर का कहना है कि मनपा कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा शहर में साफ सफाई को लेकर बहुत गंभीर रहे हैं। उन्होंने हाल में प्रभाग समिति निहाय साफ सफाई उपक्रम शुरू कराया था। यही कारण ही मच्छरों का प्रादुर्भाव कम नजर आता है।