Every Indian contribution to 'self-reliant India' is important Koshari

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ठाणे. ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाने वाला भारत (India)समृध्द देश हुआ करता था। विदेशी हमलों के बाद भी देश में विकास की गतिविधियां जारी रहा। उसके बाद भी महापुरुषों के बलिदान और दूरदृष्टि से भारत ने विश्व का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित किया। इसी भारत ने विश्व में भाई चारा और ‘वसुधैवकुटुंबकम’ का संदेश दिया। उक्त बातें राज्यपाल भरत सिंह कोश्यारी (Governor Bharat Singh Koshyari) ने ठाणे (Thane) में कहीं। 

ठाणे में सरस्वती क्रीड़ा संकुल में आयोजित 25वां रामभाऊ म्हालगी व्याख्यान माला का उद्घाटन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों हुआ। इस दौरान मंच पर व्याख्यान माला समिति के अध्यक्ष संजय केलकर(Sanjay Kelkar),  विधायक निरंजन डावखरे (MLA Niranjan Dawkhare) उपस्थित थे। समिति के अध्यक्ष केलकर ने राज्यपाल कोश्यारी का स्वागत किया। 

अपना इतिहास ही देश का प्रजातंत्र 

राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि हमारे देश को संत, महापुरुषों और महान व्यक्तित्व विचारों की विरासत मिली है। उन्हीं विचारों और आदर्शों पर  आज देश चल रहा है। अपना इतिहास ही देश का प्रजातंत्र है। उन्होंने कहा कि अनेक हमलों के बाद भी हमारा देश जिंदा ही नहीं, बल्कि समृद्ध भी है। राज्यपाल कोश्यारी ने आगे कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ तभी संभव है जब हम ‘आत्मनिर्भर’ बनेगे‍। साथ ही चीनी वस्तुओं के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाएंगे। कोश्यारी ने कहा कि यह केवल भारत ही कर सकता है। यह हिम्मत कोई दूसरा कोई भी देश नहीं कर सकता है। 

नागरिकों को योगदान देना चाहिए

उन्होंने कहा कि पहले अनाजों का आयात होता था, लेकिन अब स्थिति यह कि अनाज गोदामों में सड़ रहा है। देश को समृद्ध बनाना ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने नहीं’ होते हैं। इसके लिए नागरिकों को योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के पीएम के आवाहन के बाद विश्व के 180 देश एकत्र आना अभिनंदनीय और अविश्वमरणीय है। इस दौरान भाजपा गटनेता संजय केलकर, भाजपा महिला अध्यक्ष मृणाल पेंडसे, स्थानीय नगरसेवक सुनेश जोशी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।