एमआईएम शहर जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू का आईजीएम अस्पताल पर भ्रष्टाचार का आरोप
भिवंडी. भिवंडी शहर में तेजी से बढ़ रही कोरोना महामारी को रोकने में मनपा प्रशासन को पूरी तरह से नाकाम करार देते हुए एमआईएम शहर जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू ने भिवंडी पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे को लिखित ज्ञापन पत्र देकर मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर व मनपा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. जयवंत धुले को भ्रष्टाचार में लिप्त होने का गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
भिवंडी पुलिस उपायुक्त राज कुमार शिंदे को दिए लिखित ज्ञापन में भिवंडी शहर एमआईएम जिलाध्यक्ष शेख खालिद गुड्डू ने बताया है कि स्व. इंदिरा गांधी मेमोरियल उप जिला कोविड अस्पताल को मनपा प्रशासन ने अपने नियंत्रण में लेकर करोना के मरीजों के उपचार हेतु 100 बेड का विशेष हॉस्पिटल बनाया है, बावजूद अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीज 3 से 4 घंटे में मरीज मौत का शिकार हो रहे हैं.
जनता में भारी आक्रोश
अस्पताल प्रशासन मरीज की नेगेटिव या पॉजिटिव रिपोर्ट न बता कर परिजनों को सिर्फ इनकी लाश सौंप देते हैं, जबकि कोरोना पीड़ित मरीजों की लाश को मुम्बई जेजे अस्पताल से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही परिजनों को दिए जाने का प्रावधान है. शेख खालिद गुड्डू का आरोप है कि चिकित्सा अधिकारी मौत को कोरोना से जोड़ कर मरीजों की तादाद में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इंदिरा गांधी अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी की उक्त लापरवाही की वजह से भिवंडी की जनता का सरकारी अस्पताल से भरोसा उठ गया है, जिससे जनता में भारी आक्रोश फैल रहा है जो किसी भी मामले में फूट सकता है.
एंबुलेंस चालक भी कर रहे 5 से 8 हजार रुपए की मांग
एमआईएम जिलाध्यक्ष खालिद गुड्डू ने चेताया है कि मनपा प्रशासन की इस लापरवाही और मौत के खेल की वजह से जनता का आंदोलन शहर के कानून व्यवस्था को कभी भी बिगाड़ सकता है. कोविड अस्पताल के उच्च अधिकारियों के व्यवहार को देखते हुए आईजीएम अस्पताल का मेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस चालक भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं. इंदिरा गांधी अस्पताल से मृतक की लाश घर या कब्रस्तान तक ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक 5 से 8 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. एमआईएम जिलाध्यक्ष खालिद गुड्डू ने मांग की है कि शहर में इन दिनों जिस तेजी से कोरोना महामारी का फैलाव हुआ है. कोरोना मरीज इंदिरा गांधी अस्पताल में भर्ती होने के बाद लाशों के ढेर में बदलते जा रहे हैं और मनपा प्रशासन और चिकित्साधिकारी स्टाफ पूरी तरह से नाकाम हो चुका है. अधिकारियों की इस लापरवाही की बुनियाद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 299,304 (अ), 308 व 34 के साथ महाराष्ट्र साथी रोग प्रतिबंधक अधिनियम 1897, महाराष्ट्र कोविड-19 उपाययोजना 2020 की धारा 11 के तहत मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर और वैद्यकीय अधिकारी डा.जयवंत धुले को सभी मौतों का जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों पर एफआईआर दर्ज करके कड़ी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए.
पुलिस उपायुक्त शिंदे से न्याय की अपेक्षा
एमआईएम जिलाध्यक्ष खालिद गुड्डू ने ज्ञापन में आशा व्यक्त की है कि, जिस तरह से भिवंडी पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने जनता के बीच अपनी एक अच्छी छवि बनाई है और जनता का भरोसा जीता है उसको कायम रखते हुए वह मनपा आयुक्त और वैद्यकीय अधिकारी पर कानूनी शिकंजा कसते हुए शहर की जनता को इंसाफ दिलाएंगे.