लेह में एकत्रित हुए सैकड़ों सिंधी धर्मावलंबी

  • आगामी वर्ष लेह में सिंधु नदी के उद्गम स्थल पर सिंधी महाकुंभ का आयोजन

Loading

उल्हासनगर. सिंधु नदी का उद्गम स्थल लेह में है. सिंधु नदी व सिंधु संस्कृति की जानकारी समाज की युवा पीढ़ी को भी हो तथा सदियों पुरानी अपनी पहचान यथावत बरकरार रहे, इसलिए भाजपा के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी ने  1997 के दौरान लेह में सिंधु दर्शन यात्रा की शुरुवात की थी. जो आज भी निरंतर शुरू है.

हर वर्ष की तरह इस साल भी 1 से 5 अक्टूबर के बीच सैकड़ों लोग सिंधु नदी के तट पर पहुंचे. इनमें उल्हासनगर के भी लोगों का समावेश रहा. सिंधी समाज के बीच राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत संस्था भारतीय सिंधु सभा आगामी वर्ष 2021 में इसी स्थल पर सिंधु महाकुंभ का आयोजन करने जा रही है. इसकी पूर्व तैयारी के संदर्भ में महासभा के अध्यक्ष लधाराम नागवानी के नेतृत्व में भारतीय सिंधु सभा के सैकड़ों पदाधिकारी लेह में एकत्र हुए व सिंधी महाकुंभ को किस तरह सफल बनाया जा सके, इसका नियोजन किया गया व इस पर विस्तृत चर्चा हुई. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सभा के राष्ट्रीय पदाधिकारी लधाराम नागवानी, महाराष्ट्र प्रदेश के उपाध्यक्ष महेश सुखरमानी, चंदर कंजानी, ठाकुरदास चांदवानी, कमलेश पंजाबी, विकी गुरनानी, विकी मेंघवानी, सुरेश हेमनानी आदि 8 पदाधिकारी लेह पहुंचे व सिंधी महाकुंभ की तैयारी की बैठक में भाग लिया. लेह से लौटे भारतीय सिंधु सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश सुखरमानी ने बताया कि सिंधु नदी, जिसका 

यजुर्वेद में गंगाजी से भी अधिक बार उल्लेख हुआ है, जिस नदी के नाम पर इस राष्ट्र की पहचान है, ऐसी महान नदी के तट पर जाकर सुखद आनंद का अनुभव हुआ. सुखरमानी के मुताबिक लेह जैसे सुदूर क्षेञ में वहां के स्थानीय नागरिकों का स्नेह पूर्ण आचरण देखकर मन को बहुत प्रसन्नता हुई. उन्होंने कहा कि सिंधी महाकुंभ में विश्व के विभिन्न देशों में रहने वाले सिंधी समुदाय के मान्यवरों को आमंत्रित किया जाएगा.