property tax

Loading

नवी मुंबई. उरण तहसील के 11 ग्रामपंचायतों का बकाया संपत्ति कर मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है. वर्ष 2011 से यह संपत्ति कर कानूनी विवाद के कारण लंबित पड़ा है जिससे इलाके का विकास को गति नहीं मिल पा रही है. मंगलवार को स्थानीय विधायक महेश बालदी की पहल पर आयोजित एक बैठक में जेएनपीटी के उपाध्यक्ष उन्मेष शरद वाघ ने भरोसा दिलाया कि यदि ग्रामपंचायतें अपना मुकदमा वापस ले लेती हैं तो जनेप न्यास बकाया संपत्ति कर देने के लिए तैयार है.

बता दें कि वर्ष 1984 में सिडको ने जेएनपीटी के लिए उरण तहसील के 11 ग्रामपंचायतों की जमीनें अधिगृहित की थी. हालांकि जेएनपीटी ने कभी भी संपत्ति कर अदायगी नहीं की. लेकिन स्थानीय ग्रामपंचायतों की लगातार मांग और कानूनी पहल के बाद मई 2011 में जेएनपीटी ने 9 करोड़ 90 लाख की रकम अदा की. लेकिन तबसे लेकर आज तक कोई भी कर भुगतान नहीं किया. विधायक महेश बालदी ने बताया कि ग्रामपंचायतों के लिए संपत्ति कर ही एकमात्र राजस्व का जरिया होता है ऐसे में लंबे बकाए से इलाके का विकास बाधित हो रहा है. बताते चलें कि कर अदायगी को लेकर 11 ग्राम पंचयतों में कोर्ट में केस किया है जिस पर फैसला आना बाकी है और भुगतान भी बाकी है.

केस वापस लेने पर कर अदायगी-जेएनपीटी

बता दें कि जेएनपीटी को यहां के जसखार,  सोनारी, करल, फुंडे, नवघर, पागोटे, हनुमान कोलीवाड़ा, नवीन शेवा, धुतूम, जासई, चिर्ले आदि 11 ग्रामपंचायतों का टैक्स बाकी है. विधायक महेश बालदी इस मसले का हल कराने में जुटे हैं. बैठक में मुद्दे पर चर्चा के बाद जनेप न्यास के उपाध्यक्ष उन्मेष शरद वाघ ने कहा कि यदि ग्रामपंचायतें अपना मुकदमा वापस लेने की पहल करती हैं तो जेएनपीटी बकाया कर देने के लिए तैयार है और आगे भी प्रकल्पबाधित ग्रामपंचायतों को हर साल कर मिलता रहेगा.

उन्होंने कहा कि एसईजेड को छोड़कर पहले के या बाद में स्थापित होने वाले जो भी प्रोजेक्ट होंगे उनसे ग्राम पंचायतों को संपत्ति कर वसूलने का अधिकार होगा और जेएनपीटी उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. इस अवसर पर  जसखार के सरपंच दामोदर घरत एवं सोनारी की सरपंच पूनम कडू ने समाधान का विश्वास जताते हुए विधायक के प्रति आभार जताया.