प्रभारी डीन डॉ. योगेश शर्मा और डॉ. बोरगावे का तबादला

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अस्पताल के चार नर्सों को सेवा से किया बर्खास्त 

ठाणे. ठाणे मनपा संचालित ग्लोबल हब कोविड अस्पताल में शवों की अदला-बदली के मामले में अस्पताल के डीन डॉ. योगेश शर्मा और मरीजों पर उपचार करने वाले डॉ. प्रमोद बोरगावे का तबादला कर दिया गया है. अस्पताल में कार्यरत चार नर्सों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. 

कमेटी की रिपोर्ट में पाई गई लापरवाही

गड़बड़ी की जांच के लिए आईएएस रंजीत कुमार के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी की रिपोर्ट बुधवार की शाम को आयी. रिपोर्ट में प्रशासनिक और कागजी गड़बड़ी पायी गयी, जिसके बाद मनपा आयुक्त डॉक्टर विपिन शर्मा ने डीन डॉक्टर योगेश शर्मा और डॉ. बोरगावे सहित चार नर्सों पर कार्रवाई की गई है. 

इस संदर्भ में खुद मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा नर्सों का ठीक तरह सुपरविजन नहीं किया गया, इसलिए जांच कमेटी ने उन्हें नर्सों द्वारा बरती गयी लापरवाही का जिम्मेदार डीन डॉक्टर योगेश शर्मा और मरीजों पर उपचार करने वाले डॉ. प्रमोद बोरगावे को माना है.  नर्सों की तरफ से मरीज भालचंद्र गायकवाड़ और जनार्दन सोनवणे के नाम को लिखने में लापरवाही बरती गयी थी. 

उपायुक्त विश्वनाथ केलकर प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त  

मनपा के स्वास्थय विभाग के उपायुक्त विश्वनाथ केलकर को ग्लोबल हब कोविड अस्पताल में बतौर प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा मनपा के पूर्व मुख्य स्वास्थय अधिकारी डॉक्टर अनिरुद्ध मालगावकर को योगेश शर्मा के स्थान पर प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है. योगेश शर्मा को मनपा संचालित शिवाजी अस्पताल में उनकी पुरानी जगह भेजा गया है.  

आपको बतादें कि अस्पताल में हुई गड़बड़ी को लेकर विधान सभा में विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस, विधान परिषद में विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर, भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया, विधायक निरंजन डावखरे, ठाणे मतदाता जागरण अभियान और मनसे की तरफ से मनपा आयुक्त से मुलाकात कर मामले की जांच की मांग की गयी थी. उसके बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था.   

ज्ञात हो कि अस्पताल में 29 जून को भर्ती भालचंद्र गायकवाड़ को जनार्दन सोनवणे समझ लिया था. तीन जुलाई को गायकवाड़ की मौत होने पर अस्पताल ने सोनवणे को मृत घोषित किया था, जबकि सोनवणे उस समय जीवित था. सोनवणे के घर वालों की उपस्थिति में स्मशान में गायकवाड़ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था. सोनवणे परिवार गायकवाड़ के शव को सोनवणे का समझ दाह संस्कार कर दुःख से उबर रहा था, वहीं विगत मंगलवार की सायं उनको पता चला कि उनका मरीज जीवित है तो परिवार पहले सहम गया, लेकिन फिर खुश हुआ. लेकिन उनकी ख़ुशी अधिक समय नहीं रही और रात को सोनवणे की मौत की सूचना से पुन: उन पर दुःख टूट पड़ा था. बुधवार को सोनवणे परिवार ने दूसरी बार दाह संस्कार किया. गायकवाड़ परिवार को अपने का शव न मिलने और दाह संस्कार न किये जाने का दुःख है. ऐसे में अस्पताल की लापरवाही से दो परिवारों को मानसिक परेशान होना पड़ा है. 

मरीज के भर्ती के समय पहचान के लिए कलाई में लगाया जाएगा टैग  

मनपा आयुक्त विपिन शर्मा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीज को लेकर आगे कोई गड़बड़ी या अदला बदली न हो इसलिए कमेटी की तरफ से सुझाये गए विभिन्न उपाय योजना को तुरंत लागू किये जाने का आदेश उनकी तरफ से संबधित विभाग को दिया गया है. अब अस्पताल में  पहचान के लिए प्रत्येक मरीज के बेड के ऊपरी हिस्से में उसके नाम और उम्र के उल्लेख की पट्टी लगेगी. उसके आधारकार्ड का नंबर होगा. प्रत्येक मरीज के कलाई में भर्ती होने के समय उसके नाम का एक टैग लगाया जायेगा और वह उसके डिस्चार्ज होने तक कलाई में बंधा रहेगा. 

मरीज के फाइल पर फोटो लगाने के साथ परिजनों को प्रतिदिन फोन द्वारा दी जाएगी जानकारी 

मरीज के भर्ती करने के वक़्त उसकी फोटो निकली जाएगी और उसके फाईल में उसकी फोटो लगेगी. इसके साथ ऑक्सीजन बेड पर और आईसीयू में भर्ती मरीज के हालत के बारे में प्रतिदिन उसके परिजन को अस्पताल की तरफ से जानकारी दी जाएगी. इसके लिए मनपा की तरफ से बिभिन्न मोबाइल फोन नंबर का उपयोग किया जायेगा. जिससे मरीज और परिजन के बीच समन्वय बना रहेगा. शव के चेहरे की आसानी से पहचान हो इसलिए चेहरे के स्थान पर पारदर्शक प्लास्टिक वाले बैग का इस्तेमाल अब अस्पताल होगा.