कार्तिकी एकादशी को नहीं होगा श्मशान पूजन

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उल्हासनगर. बड़ी, देव उठनी, प्रबोधिनी, कार्तिकी एकादशी 25 नवंबर को है. इस दिन तुलसी विवाह होता है, इसके साथ ही हमारी हिंदू संस्कृति में मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी होती है.

हर साल सुबह से ही एकादशी व्रतधारियों द्वारा उल्हासनगर के श्मशान में जाकर पूजन किया जाता है. अन्य किसी और दिन महिलाओं और बच्चों को श्मशान में जाना मना होता है, लेकिन  विशेषकर इस दिन सभी लोग शमशान में जाकर शवदाहिनी का पूजन करते हैं. लेकिन इस साल कार्तिक एकादशी पर शमशान भूमि में जाकर अपने पूर्वजों की याद में दिया या मोमबत्ती प्रज्वलित करने का उपक्रम कोरोना काल की वजह से नहीं रखा गया है.

घर में तुलसी के आगे दिया जलाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं ऐसे सुचनाफलक उल्हासनगर के शांतिप्रकाश आश्रम से स्वामी देवप्रकाश जी महाराज की तरफ से श्मशान भूमियों के बाहर लगाए गए हैं.