खारघर का भगवान जगन्नाथ मंदिर, आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक सेवा का केंद्र

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– महाराष्ट्र-ओरिया वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा संचालित

कभी मत सोचो कि दुनिया ने तुम्हें क्या दिया है,

सोचो कि आप दुनिया को क्या दे सकते हैं ?..

इसी लक्ष्य के साथ धार्मिक-सामाजिक कार्यों के  लिए वर्ष 1998 में महाराष्ट्र-ओरिया वेलफेयर एसोसिएशन (MOWA) की स्थापना हुई. इस पंजीकृत सामाजिक संस्था का मुख्य उद्देश्य गरीबों और निराश्रितों की मदद करने के साथ नवी मुंबई में भगवान जगन्नाथ मंदिर स्थापित करना था.

2005 में एसोसिएशन ने भूखंड के लिए महाराष्ट्र सरकार को आवेदन किया.काफी प्रयास के बाद सिडको ने भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के लिए जनवरी 2010 में नवी मुंबई के खारघर में सेक्टर -5 में 500 वर्ग फुट जमीन आवंटित की. दिसंबर 2010 तक एक छोटा सा मंदिर बनाया गया. भगवान बालभद्र,माता शुभद्रा, भगवान जगन्नाथ और प्रभू सुदर्शन की मूर्तियों बको ओडिशा से पुरी जगन्नाथ मंदिर के माननीय गजपति महाराजा श्री दिब्यसिंह देब के मार्गदर्शन में लाया गया. मुक्ति मंडप,पुरी,ओडिशा के पंडित, श्रीमंदिर के तत्कालीन उप प्रशासक,डॉ भास्कर मिश्रा, बलदेव सिंघारी की पावन उपस्थिति में 23 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की गई. तब से माननीय गजपति महाराज के मार्गदर्शन में विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत वर्ष 2011 से नवी मुंबई में शुरू हुई.पवित्र रथ यात्रा के दौरान पूजा,यज्ञ और विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य लगातार चल रहे हैं. नौ दिनों का त्योहार (रथ यात्रा) अब अपने वैचारिक चमत्कार के लिए विश्व प्रसिद्ध है,जब भगवान स्वयं अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से बाहर निकलते हैं. 

वर्ष 2018 में MOWA द्वारा एक विशेष और नया भव्य मंदिर बनाया गया.चार साल में  ओडिशा के कारीगरों ने इसे बनाया. अन्य देवता माता महालक्ष्मी, माता बिमला,प्रभु गणेश, प्रभु हनुमान,भगवान शिव, भगवान सूर्यनारायण और अन्य कई देवी-देवताओं की नीलगिरी पत्थर में तरासी 170 मूर्तियां लाई गईं. गजपति महाराज के मार्गदर्शन में पुरी के पंडितों द्वारा 18 जुलाई 2018 को हीरा पंचमी के शुभ दिन,नए मंदिर और सभी देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा की गई. उद्घाटन समारोह गजपति महाराजा श्री दिब्यसिंह देब,महारानी साहेबा, चिनमय मिशन के स्वामी माधवानंद सरस्वती, स्वामी स्वप्रभाननंदजी, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बोलंगीर के महाराज कनक वर्धन सिंह देव (ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता), प्रशांत ठाकुर (स्थानीय विधायक) और पनवेल की मेयर  कविता चोथमल की गरिमामय उपस्थिति में हुआ. 

MOWA ने इस परिसर में शिव मंदिर की स्थापना की और मार्च 2019 में ओडिशा के विशेष पंडितों के हाथों प्रतिष्ठा की गई. इसे भगवान लोकनाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है.अब भगवान जगन्नाथ और भगवान शिव मंदिर बन गया है,इसका संयुक्त नाम “हरि-हर पीठ ” है. मंदिर के ही पंडितों द्वारा नियमित रूप से सभी अनुष्ठान किए जाते हैं.अन्न भोग भी भक्तों के लिए उपलब्ध कराया जाता है.

धार्मिक के साथ सामाजिक गतिविधियां

आध्यात्मिक-धार्मिक के साथ सामाजिक गतिविधियों को समान महत्व दिया जाता है.जब भी समाज पर मुसीबत आती है, MOWA अपने स्वयंसेवकों के साथ मैदान में आ जाता है. आज कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर मचा रखा है. मुंबई, नवी मुंबई सहित देश के कई हिस्सों फंसे दिहाड़ी मज़दूरों की मदद में संस्था आगे आई.केंद्र-राज्य सरकारों,अधिकारियों डॉक्टरों, नर्सों,पुलिस कर्मियों,सेना और कई सामाजिक संगठनों की सराहना करते हुए मोवा ने भी सहयोग कार्य किया.

MOWA के अध्यक्ष-ट्रस्टी  भगवान पांडा के साथ सभी कमेटी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. श्री पांडा कहते हैं कि भगवान जगन्नाथ जगत के नाथ और ब्रह्मांड के रक्षक हैं,और हम सभी उनके बच्चे हैं. यह हमारा कर्तव्य है कि हम संकट के समय एक दूसरे को मदद दें.इसके पहले MOWA ने वर्ष 1999 और 2005 में बाढ़-प्राकृतिक आपदा के समय राहत सामग्री वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. 2019 में उड़ीसा में पिछले (चक्रवात)बाढ़ के दौरान, ट्रस्ट बोर्ड और मैनेजिंग कमेटी के सेवक एमडी पलाई,कृष्णा पलाई, कीर्तिजा पालई,सिबा बाबा,आलोक परीजा,रीना परीजा,गोपाल सुबुद्धि,प्रदीप बिस्वाल,गोपाल पाणिग्रही और खुद मोवा के अध्यक्ष,सभी नवी मुंबई से सभी तरह से राहत सामग्री भरे ट्रक  के साथ  मोटो गांव, सालिया साही (भुवनेश्वर), सोमनाथपुर,हरिजन बस्ती, बाली हरचंदी मंदिर क्षेत्र और श्री राम आश्रम (करंदिया गाँव),भिवंडी (कटक), सतपाड़ा,अलीपुता गाँव, ब्रह्मगिरि, खुर्दन ओडिशा में मदद लेकर गए.

 जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री वितरित 

इसके अलावा मैसर्स सरोज मोहंती, बिक्रम सबत, राजेंद्र कुमार नायक,श्रीकांत बेहरा, दीपक साहू और जगन्नाथ दाश ने महाराष्ट्र के सांगली-सतारा जाकर वहां के जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री,चावल,दाल, बिस्कुट,कपड़े और अन्य किराने का सामान वितरित किया. मोवा ने “ओडिशा के मुख्यमंत्री राहत कोष” के लिए वित्तीय सहायता भी की.श्री पांडा ने बताया कि सभी आध्यात्मिक गतिविधियों को करने के अलावा, MOWA अनाथालय, वृद्धाश्रम में रहने वाले गरीब और ज़रूरतमंद बच्चों की मदद करने के लिए भी प्रतिबद्ध है और इसके लिए प्रयास जारी रहेगा.उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि वह पृथ्वी को बचाए और  सभी निवासियों सुरक्षित और खुश रखे.मानव जाति के बीच एकता के लिए प्रार्थना करें.

मानव सेवा ही माधव सेवा

इस समय कोरोना वायरस का कहर है.नवी मुंबई में बेरोजगार  और जरूरतमंद लोगों को चावल, दाल और अन्य आवश्यक किराने का सामान वितरित किया जा रहा है.मुंबई,तलोजा,उलवे,पनवेल, कमोठे, कलंबोली, खारघर, सीवुड्स, नेरुल, जुईनगर, सानपाड़ा, वाशी, कोपरखैरने, घनसोली, ऐरोली, कल्याण, डोंबिवली,दिवा-मुंब्रा, भिवंडी और कई अन्य इलाके हैं. श्री पांडा के कुशल मार्गदर्शन में तहत,युवा  इंजीनियर्स- बैंकर- लॉजिस्टिक्स और आईटी क्षेत्र के सेवक मेसर्स राजेंद्र कुमार नायक,श्रीकांत बेहरा, सिद्धार्थ पांडा, दीपक साहू (रणनीतिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट), बिजया साहू और चंद्रकांत राउत ने महाराष्ट्र के इन सभी जरूरमंद इलाकों में लोगों की मदद की है. MOWA ने इन स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया है. इन सेवकों ने महामारी कोविड-19 के दौरान वास्तव में मानव सेवा की है.एक सेवक ने कहा कि यह समाज को कुछ देने का वक्त है,और हमें इसका हिस्सा होने पर गर्व है. श्री जगन्नाथ संस्कृति हमें सिखाती है, मानव सेवा ही माधव सेवा है. स्वयंसेवकों का साथ देने के लिए मुंबई उत्कल समिति के उपाध्यक्ष श्री सूर्यनारायण गौड़ा का भी आभार व्यक्त किया. MOWA ने भोजन और पानी के साथ प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए पुलिस प्रशासन को समन्वित और सहायता प्रदान की और उन्हें ओडिशा वापस ट्रेन से भेजने की मदद की. 

इनके अलावा, मोवा पनवेल मनपा और अन्य सरकारी गैर सरकारी संगठनों को सहायता कर रहा है, जिसमें मैसर्स सेवा फाउंडेशन शामिल है, जो गरीब मजदूरों के लिए कम्युनिटी किचन चला रहा है. ओडिशा सरकार ने  मदद के लिए प्रवासी मजदूरों की  सूची भेजी और मोवा ने आगे आकर उनकी मदद की.MOWA के इस नेक काम में कलश संकल्प को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी, नेरुल ने भी मदद की.इसके अलावा MOWA ने कोविड-19 की महामारी  से ब्रह्मांड को बचाने के लिए 18 से 20 मई तक भगवान जगन्नाथ के समक्ष घृत यज्ञ किया.

मंदिर गतिविधियां

महामारी और कठिन परिस्थिति के बीच राज्य-केंद्र सरकार के लॉकडाउन नियमों का पालन हो रहा है. मंदिर आम जनता के लिए बंद  है,परन्तु प्रभु के दैनिक अनुष्ठान पुजारी कर रहे हैं.पुजारी मंदिर के अन्य कर्मचारी हर समय मंदिर परिसर के भीतर ही रहते हैं. गत 2 अप्रैल को भी श्री राम नवमी का आयोजन नहीं हो सका. 13 अप्रैल व 20 अप्रैल को पाना संक्रांति-हनुमना जयंती का आयोजन हुआ. 1 से 3 अप्रैल के लिए निर्धारित “श्री राम चरित मानस कथा” को रद्द करना था. 26 अप्रैल को, एक सबसे शुभ दिन “अक्षय तृतीया”, रथ की लकड़ी  पूजा की रस्म भी पुजारियों द्वारा मंदिर में बहुत ही सरल तरीके से मनाई गई. शुभ सावित्री पूजा,विवाहित महिलाओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार (सत्यवान सावित्री) भी ZOOM वीडियो कॉल के माध्यम से मंदिर में मनाया गया.मंदिर प्रशासन के अधिकारी बीएस पटनायक, पीएम महापात्रा, बालाराम पात्रो, गोपाल पाणिग्रही,बिघ्नराज परीदा,मनोज कुमार नायक बिक्रम साबत,राजेंद्र कुमार नायक,अनिल पात्रा, दीपक साहू, सरोज मोहंती, सिद्धार्थ पांडा, श्रीकांत बेहरा,संतोष पाणिग्रही सहितवअन्य समिति के सदस्य लगातार मंदिर गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं.मंदिर के सभी अनुष्ठानों,मंदिर के कर्मचारियों के लिए किराने,मंदिर परिसर की स्वच्छता-सुरक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं.यह मंदिर आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक कार्यों का केंद्र बना हुआ है.

जगन्नाथः स्वामी नयन_पथ_गामी भवतु मे ॥

अथार्थ- जगन्नाथ स्वामी मेरे हृदय के केंद्र में हो,मेरी आंखे जंहा भी जाती हैं,उस पथ पर आप हो..

 श्री पुरुषोत्तम-क्षेत्र,पुरी

भावार्थ: – “यद्यपि भगवान जगन्नाथ सभी में व्याप्त हैं और सभी का स्रोत हैं,पवित्र हैं जो सभी पापों को नष्ट करते हैं,फिर भी यह स्थान श्रेष्ठ है,क्योंकि यह इस सर्वोच्च प्राणी का शरीर बन गया है.वह स्वयं एक रूप धारण कर वहां मौजूद है और वास्तव में उस स्थान को आपके नाम से जाना जाता है.. ”

(स्कंद पुराण; उत्कल खंड, अधाय I-8/9)

हरि ओम

जय श्री जगन्नाथ