महापौर ने स्मार्ट सिटी की बैठक में ली अधिकारियों की क्लास

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  • फुटपाथ को लाल-पीला करने से नहीं होता स्मार्ट विकास 

ठाणे. शहर के फुटपाथ को सिर्फ लाल और पीले रंगों में रंगने से शहर स्मार्ट नहीं बन जाता. इसके लिए परियोजनाओं और सुविधाओं की शहर को जरूरत होती है और इसे लागू करने में प्राथमकिता दी जाती है. उक्त बातें महापौर नरेश म्हस्के ने स्मार्ट सिटी की बैठक में कहीं और अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई. 

ठाणे स्मार्ट सिटी समिति की मंगलवार को हुई वेबिनार बैठक में महापौर नरेश महस्के ने अधिकारियों की जमकर क्लास ली. महस्के ने सलाहकार समिति के सदस्यों की उपेक्षा कर मनमानी तरीके से काम किये जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कहा कि महज फुटपाथ को रंगीन कर देने से शहर स्मार्ट नहीं हो जाता है. स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर कोरोना संक्रमण काल में दो बैठक नहीं हो पाई थी. ऐसे में दोनों बैठकों को एकत्रित कर एक संयुक्त बैठक हुई और यह बैठक पिछले दो तीन सालों में पहली बताई जा रही है.

महस्के ने अधिकारियों पर प्रहार करते हुए कहा कि किसी भी परियोजना को लेकर सलाहकार समिति के अध्यक्ष, सदस्यों की राय जानना, उनसे विचार विमर्श करना जरूरी होता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. किसी से किसी भी परियोजना को लेकर कोई चर्चा नहीं की गयी है और मनमानी कार्यभार शुरू है. जो कि एकदम गलत है. बैठक में राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, विधायक निरंजन डावखरे, संजय केलकर, राजू पाटिल, सुलक्षणा महाजन जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर, मनपा के अतिरिक्त आयुक्त गणेश देशमुख सहित स्मार्ट सिटी के विभिन्न परियोजना से जुड़े अधिकारी और पदाधिकारी जुड़े हुए थे.

जिन परियोजनाओं को शहर की जरूरत नहीं उसे बंद करें

इस अवसर पर संबोधित करते हुए महापौर महस्के ने कोरोना के चलते मनपा की गड़बड़ हुई आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाया. महापौर का कहना था कि स्मार्ट सिटी के तहत कई परियोजना है, जिसकी वर्तमान में शहर को जरूरत नहीं है. ऐसी परियोजनाओं को बंद कर उसकी निधि का उपयोग शहर के रास्तों, पानी की टंकी के निर्माण, पानी आपूर्ति योजना इत्यादि जरूरी चीजों पर किया जाए.

महापौर ने स्मार्ट सिटी की निधि को शहर के अन्य कामों के लिए दिए जाने की मांग की. महापौर ने सौर ऊर्जा परियोजना, उससे हुए मनपा को फायदे, कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम की उपयोगिता सही तरीके से होने, शहर में शुरू फ्री वाईफाई यंत्रणा के कार्यरत होने, पानी मीटर लगाने तथा मीटर के ठीक से काम करने और उस पर निगरानी जैसे तमाम सवालों की झड़ी अधिकारियों पर लगाई और उनकी खिंचाई की.