WINE
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    ठाणे. ठाणे जिले (Thane District) में कोरोना (Corona) ने अपना विकराल रूप धारण कर रखा है। गुरुवार को जहां जिले में सवा चार हजार के करीब नए कोरोना के मामले सामने आए है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) की सीमा में सर्वाधिक 1432 नए कोरोना के मरीज मिले हैं। ऐसे में जिले में बढ़ते कोरोना मरीजों के बीच अब रात 8 बजे तक होटल और रेस्टोरेंट के खोलने की अनुमति को लेकर होटल और रेस्टोरेंट चालकों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।  जहां राज्य सरकार सख्त लॉकडाउन को लेकर कभी भी निर्णय ले सकती है। वहीं अब होटल और बार-रेस्टोरेंट (Hotel & Bar-Restaurant) के मालिकों ने आक्रामक भूमिका अख्तियार करने का निर्णय लिया है। होटल और बार-रेस्टॉरंट मालिक संगठन ने अब इसके विरोध में एक्साइज फीस (Excise Fee) की रकम नहीं भरने और एक अप्रैल से शराब (Wine) ग्राहकों को नहीं परोसने का निर्णय लिया है। जिससे अब जिले के शराब प्रेमियों की मुश्किलें भी आगामी दिनों में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। 

    ठाणे जिला होटल और रेस्टॉरंट मालिक संगठन का कहना है कि पहले अप्रैल, 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगा था और वह कहीं जाकर सितंबर माह में लाकडाउन के नियमों को कम किया गया था। इस दौरान सभी होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को आर्थिक नुकसान हुआ था। फिर भी होटल मालिकों ने मनपा का टैक्स और अन्य कर भरा। इसके बाद किसी तरह अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य महीने तक उन्हें थोड़े आर्थिक संकट से उबरने का मौका मिला था, लेकिन अब फिर से मार्च महीने में रात 8 बजे के बाद सरकार द्वारा होटलों और रेस्टोरेंट को बंद करने का फरमान एक प्रकार से हमें आत्महत्या की तरफ धकेलने वाला निर्णय है। 

    लॉकडाउन से हुआ है आर्थिक नुकसान

    संगठन का कहना है कि अधिकतर होटल और रेस्टोरेंट में रात 7 बजे के बाद ही ग्राहक आते है और ग्राहकों का आने का सिलसिला रात करीब 12 बजे तक चलता रहता है। इसी दौरान उनकी कमाई भी होती है, लेकिन इस प्रकार से प्रतिबंध उनके व्यापार पर एक प्रकार से कुठाराघात है। इसलिए लॉकडाउन को रद्द कर उन्हें होटल और रेस्टोरेंट को रात 12 बजे तक चलाने की अनुमति प्रशासन द्वारा दिया जाना चाहिए और एक्साइज फ़ीस की रकम को हप्ते में भरने की सहूलियत भी देना चाहिए। इसके अलावा संगठन ने चेतावनी भी दी है कि जब तक उनकी मांगों  विचार नहीं किया जाता तब तक वे न तो एक्साइज की रकम भरेंगे और न ही अपना लाइसेंस रिनुअल कराएंगे। इसके साथ ही अब एक अप्रैल से होटल और बार-रेस्टोरेंट में शराब विक्री न करने का निर्णय भी संगठन ने लिया है। 

    इन महानगर पालिकाओं पर पड़ेगा असर 

    वैसे ठाणे जिला होटल व बार-रेस्टोरेंट संगठन में ठाणे जिला के अंतर्गत आने वाले ठाणे शहर, कल्याण, डोंबिवली, नवी मुंबई के साथ ही बदलापुर, अंबरनाथ और ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत चलाए जाने वाले होटल, बार और रेस्टोरेंट का समावेश है। जहां पर संगठन द्वारा लिए गए इस आक्रामक भूमिका का असर यहां के ग्राहकों पर पड़ने वाला है।